इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को स्थापना के बाद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) ने 75 वर्षों (75 years) के दौरान बहुत तेजी से प्रगति (rapid progress) की है।
हिमाचल प्रदेश की स्थापना के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में गुरुवार को शिमला के रिज मैदान में आयोजित प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष समारोह के अवसर पर जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 छोटी-छोटी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन किया गया था।
इसके बाद राज्य ने विकास के हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की गौरवशाली विकास यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन हिमाचल के मेहनती और ईमानदार लोगों ने यह सुनिश्चित किया कि राज्य प्रगति और समृद्धि के पथ पर तेजी से आगे बढ़े।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के इस गौरवशाली सफर के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार ने सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में 75 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इन वर्षों के दौरान प्रदेश ने हर क्षेत्र में तरक्की करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश के मेहनती लोगों और सभी सरकारों के सक्षम नेतृत्व को इसका श्रेय जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 1948 में हिमाचल प्रदेश में 228 किलोमीटर लंबी सड़कें, जबकि आज राज्य में 39,500 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें हैं।
75 वर्ष पहले राज्य में केवल 301 शैक्षणिक और 88 स्वास्थ्य संस्थान थे, जबकि आज राज्य में 16,124 शैक्षणिक और 4320 स्वास्थ्य संस्थान कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार ने राज्य के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी और उन्होंने सड़कों के निर्माण पर विशेष बल दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में आरंभ की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने हिमाचल के दुर्गम इलाकों को सड़कों से जोड़ने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में लगभग 50 प्रतिशत सड़कों का निर्माण इसी महत्वाकांक्षी योजना के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन में हिमाचल देश का पहला राज्य बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एम्स, आईआईएम, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और पीजीआई सेटेलाइट सेंटर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी स्थापित किए गए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के चहुंमुखी विकास के लिए केंद्र और राज्य में डबल इंजन सरकार बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल प्रदेश और यहां की जनता से विशेष स्नेह है और उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं रखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए 90:10 के अनुपात को बहाल करने के अलावा राज्य को 800 करोड़ रुपए की विशेष सहायता भी प्रदान की है।
जयराम ठाकुर ने लोगों से आग्रह किया कि वे प्रदेश में विकास की गति को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करें।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इन 75 वर्षों के दौरान प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बागवानी के क्षेत्र में प्रदेश में हुई प्रगति से हिमाचल प्रदेश देश के विकसित राज्यों में आदर्श राज्य के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में केवल कुछ घरों में ही बिजली उपलब्ध थी लेकिन आज हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और प्रदेश एक ऊर्जा सरप्लस राज्य बन गया है।
इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा निर्मित हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्ष पर एक थीम गीत और हिमाचल प्रदेश के 75 वर्षों के गौरवशाली इतिहास पर आधारित एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया।
समारोह में हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, कैलाश फेडरेशन के अध्यक्ष रवि मेहता, एपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा, सक्षम गुड़िया बोर्ड की अध्यक्ष रूपा शर्मा, शिमला मंडल के भाजपा अध्यक्ष राजेश शारदा, प्रधान सचिव भरत खेड़ा और सुभासीष पंडा, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक डा. मोनिका, निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
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