Himachal pradesh: भारत पर शासन के दौरान ब्रिटिश शासन ने कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण करवाया था। शिमला बनी हर इमारत के पीछे एक न एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। ऐसे ही एक इमारत शिमला के सीटीओ के नजदीक बैंटनी कैसल है। जो करीब 143 साल पुरानी है। इस इमारत का निर्माण एंग्लो गोथिक शैली में करवाया गया है। बैंटनी कैसल करीब 18 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इन दिनों इमारत का पुनरुद्धार किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने साल 1968, साल 1975 और साल 2004 में इसके अधिग्रहण का प्रयास किया था, जिसमें प्रदेश सरकार नाकाम रही। हालांकि साल 2017 में ऐतिहासिक इमारत का अधिग्रहण कर लिया था।
हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 19 सितंबर 2017 को बैंटनी कैसल की ऐतिहासिक इमारत में इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। पूर्व की जयराम सरकार में बैंटनी कैसल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर काम किया गया। सुक्खू सरकार के 2023-24 के बजट में बैंटनी कैसल को विकसित करने की बात कही गई है। बैंटनी कैसल को पर्यटकों के लिए खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी की जा रही है। यहां मनोरंजन के लिए म्यूजियम, पार्क और कैफे का निर्माण किया जा रहा है।
इस साल बैंटनी कैसल का पुनरुद्धार पूरे होने के बाद इस स्थान को पर्यटकों के साथ ही शिमला के लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा। शिमला एक छोटा और भीड़भाड़ वाला इलाका है। टूरिस्ट सीजन के दौरान इस शहर में रोजाना 15 हजार से 20 हजार पर्यटक आते हैं। शिमला में पर्यटकों को खुले में बैठने के लिए स्थान नहीं है। ऐसे में बैंटनी कैसल के नए पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित होने को पर्यटकों को बेहतरीन सुविधा मिलेगी।
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