होम / Himachal Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने मांगी माफी, याचिका दर्ज कर जीवन कुमार को किया नोटिस जारी

Himachal Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने मांगी माफी, याचिका दर्ज कर जीवन कुमार को किया नोटिस जारी

• LAST UPDATED : August 2, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Pradesh: पुलिस भर्ती मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उत्तर पुस्तिका को जांचने के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस विभाग की याचिका पर प्रतिवादी जीवन कुमार को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने में हुई देरी को माफ कर दिया है। 13 सितंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उत्तर पुस्तिका को जांचने और एक हफ्ते में परिणाम घोषित कर नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। 10 फरवरी 2021 को पुलिस विभाग ने कांस्टेबल के 1334 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस चयन प्रक्रिया में प्रतिवादी ने भाग लिया था। हालांकि पेपर लीक होने के कारण चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई। इसके बाद प्रतिवादी ने गृह रक्षक श्रेणी से दोबारा से चयन प्रक्रिया में भाग लिया। अदालत को बताया गया था कि गृह रक्षक की श्रेणी से तीन उम्मीदवारों में से प्रतिवादी ने ही ग्राउंड टेस्ट पास किया था।

प्रतिवादी की उम्मीदवारी हुई खारिज

प्रतिवादी की उम्मीदवारी इसलिए खारिज की गई थी कि उसने ओएमआर शीट में रोलनंबर ठीक नहीं लिखा है। हाईकोर्ट ने पाया था कि प्रतिवादी ने दो जगह शब्दों में सही रोलनंबर लिखा है। हालांकि, अदालत ने पाया था कि प्रतिवादी ने गलती से एक जगह मिटाकर रोल नंबर लिखा है। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि यदि प्रतिवादी की उम्मीदवारी रद्द की जाती है तो गृह रक्षक की श्रेणी से किसी को भी नियुक्ति नहीं दी जाएगी। इस निर्णय को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले मेें प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए इसी तरह के एक और लंबित मामले के साथ सुनवाई के आदेश दिए हैं। बता दें कि एक अन्य मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने इशांत भाटिया की उत्तर पुस्तिका जांचने के आदेश दिए थे। इशांत भाटिया ने भी उत्तर पुस्तिका में अपनी सीरीज का बिंदु नहीं लगाया था।

हाइकोर्ट से आए अवैध कब्जे हटाने के आदेश 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कसौली छावनी से अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि छावनी क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाई गईं अस्थायी दुकानों को 28 अगस्त तक हटाया जाए। अदालत ने अतिक्रमण रहित भूमि सेना को सौंपने के आदेश दिए हैं और अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। मामले की सुनवाई 5 सितंबर को निर्धारित की गई है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए। कसौली निवासी भावना ने जनहित में याचिका दायर की है। दर्ज करी गई याचिका में आरोप है कि पाइन मॉल की 21 दुकानों  का निमार्ण अवैध रुप से हुआ है। इस जमीन पर किसी भी प्रकार कोई भी निमार्ण का नियम नहीं है। भारतीय सेना के हित के लिए इस अतिक्रमण का हटना बहुत जरुरी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार कि  है कि सेना के लिए दी गई इस जमीन को खाली करवाए। पाइन मॉल में बनी इन 21 दुकानों को तुरंत गिराने के आदेश जारी करने की मांग भी की गई थी।
SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox