Himachal pradesh temple: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रभागा नदी के किनारे एक छोटा सा कस्बा उदयपुर है, जो कई चीजों के लिए मशहूर है। यहां पर साल में लगभग 6 महीने बर्फ जमी रहती है। जिसके कारण इस जगह का तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। समुद्र तल से 2,742 मीटर की ऊंचाई पर उदयपुर में पर्यटक सिर्फ गर्मियों में ही आ सकते हैं। यह छोटा सा इलाका त्रिलोकानाथ मंदिर के नाम से भी काफी मशहूर है। इस मंदिर भी बेहद खास माना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां हिंदू धर्म के लोग के भी पूजा करते हैं और बौद्ध धर्म के लोग भी। शायद दुनिया में यह इकलौता मंदिर है जहां मूर्ति की पूजा दोनों धर्म के लोग एक साथ करते हैं।
हिमाचल पर्यटन के मुताबिक हिंदू धर्म में त्रिलोकनाथ देवता को भगवान शिव के रूप में मानकर पूजा की जाती है। वहीं बौद्ध धर्म के लोग इस मंदिर की पूजा आर्य अवलोकीतश्वर के रूप में करते हैं। हिंदूओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था, जबकि बौद्ध के लोग मानते हैं कि पद्मसंभव 8वीं शताब्दी में यहां आए थे और उन्होंने इस जगह पर पूजा की थी।
यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार कुल्लू के राजा भगवान की मूर्ति को अपने साथ ले जाना चाहते थे, तभी मूर्ति इतनी भारी हो गई कि उसे उठा नहीं सके। संगमरमर मूर्ति के दाईं टांग पर एक निशान भी है। कहा जाता है कि उसी दौरान यह निशान कुल्लू के एक सैनिक की तलवार से बना था। मंदिर को कैलास और मानसरोवर के बाद सबसे पवित्र तीर्थों में गिना जाता है।
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