लोकिन्दर बेक्टा, शिमला।
Himachal Cabinet Decisions : हिमाचल प्रदेश की अगले वित्त वर्ष की आबकारी नीति को प्रदेश मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है। आबकारी विभाग ने अगले वित्त वर्ष में 2131 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है।
इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले 14 फीसदी अधिक यानी 264 करोड़ रुपए अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। रविवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की अहम बैठक में इसे मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई 4 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई।
इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है। उधर, लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी।
इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बोटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है।
इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में 1 रुपया की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपए से बढ़ाकर 2.50 रुपए किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग द्वारा हाल ही में शराब बोटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ओनलाइन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड ट्रेस की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य माड्यूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बैरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं।
वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हारनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने और वाहन दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के मामलों को राहत नियमावली के तहत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की। Himachal Cabinet Decisions
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