India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Rains, Himachal: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग को 2,000 से ज्यादा करोड़ का नुकसान हुआ है। सड़कों, नालियों, रेलिंग, पैरापिट निर्माण और अन्य छोटे कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को 180.50 करोड़ रुपये की जरूरत है। विभाग ने प्रदेश सरकार से मरम्मत के लिए पैसा जारी करने का मामला उठाया है। शिमला जोन में लोक निर्माण को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अब तक विभाग ने इस जोन में 751 करोड़ के नुकसान का आकलन किया है। इस जोन में 106 सड़कें अभी भी यातायात के लिए बाधित हैं। इसी तरह हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जोन में भी 5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
लोक निर्माण विभाग का दावा है कि सड़कों को बहाल करने का कार्य जोरों पर चल रहा है। जैसे-जैसे सड़कें यातायात के लिए बहाल की गई हैं। चट्टानें खिसकती जा रही हैं। मलबा सड़कों पर आ रहा है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सड़कें बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी दिनरात एक कर रहे हैं। मशीनरियां लगाई गई हैं। फील्ड में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रतिदिन सड़क संबंधित रिपोर्ट ली जा रही है।
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि भारी प्राकृतिक आपदा के बाद भी रिकाॅर्ड समय में हिमाचल में सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं। हिमाचल पर्यटकों के स्वागत के लिए पुरी तरह तैयार है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित संपर्क सड़कों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। सरकार पयर्टकों की सुरक्षा और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे दूरदराज क्षेत्रों में होटलों और होमस्टे में पर्यटकों ने बुकिंग करवाई है। पर्यटकों की सुविधा के लिए कांगड़ा, कुल्लू-मनाली और जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डों के लिए हवाई सेवाएं निरंतर जारी हैं। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा है कि प्रदेश में आपदा के बाद अब स्थिति सामान्य हो चुकी हैं।