India News (इंडिया न्यूज़), Himachal, संवाददाता संजीव महाजन: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की ज्वाली विधानसभा में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का कृषि व पशुपालन मंत्री प्रो.चंद्र कुमार ने दौरा किया। सबसे पहले उन्होंने सिद्धपुरघाड़ में भारी बरसात व भूस्खलन से हुए नुक्सान का जायजा लिया तथा प्रभावितों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद, उन्होंने कोहनाल में हुए नुक्सान का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
कृषि व पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य में मूसलाधार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई अधोसंरचना की तेजी से बहाली तथा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के साथ उनके पुनर्वास को सुनिश्चित बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। जिसके लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु के नेतृत्व में इस आपदा से उभरने के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राहत,पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण के कार्यों को और गति देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इंसान बड़ी मेहनत से अपने लिए आशियाना बनाता है जिसके क्षतिग्रस्त होने के दुख को वे महसूस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकान के लिए 1 लाख रुपए दिए जा रहे हैं जबकि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए घरों तथा भूमिहीन हुए परिवारों के लिए सरकार और मदद करने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है।
कृषि मंत्री ने राजस्व अधिकारियों को बर्बाद हुई फसलों के अलावा बही हुई जमीन का भी रिकॉर्ड बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा राहत मैन्युअल में संशोधन कर मुआवजा राशि को कई गुणा बढ़ाया है। कृषि भूमि में बाढ़ से सिल्ट आने पर पहले जहां लगभग 1400 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था, उसे बढ़ाकर अब पांच हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है। इसके साथ ही कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान होने पर पहले 3600 रुपये प्रति बीघा की आर्थिक मदद दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है। प्राकृतिक आपदा में किसानों व बागवानों की फसल को नुकसान होने पर 300 से 500 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था जिसे सरकार ने बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया है। वर्तमान प्रदेश सरकार की ओर से गाय, भैंस और अन्य दुधारू पशुओं की जान जाने पर 37 हजार के बजाय अब 55 हजार रुपये प्रति पशु की आर्थिक सहायता दी जाएगी।सिद्धपुरघाड़ में सिंचाई तथा पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए 5 और नलकूप लागए जाएंगे।
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