India News HP(इंडिया न्यूज़), Himachal Tourism News: अटल टनल रोहतांग ने लाहौल के लोगों की वर्षों की पीड़ा दूर कर दी है। टनल के निर्माण से पर्यटक खुश हैं। दो दशक पहले देखे गए सपने के साकार होने से भारतीय सेना रणनीतिक रूप से मजबूत हो गई है। आपको बता दें कि पर्यटकों के आने से लाहौल-स्पीति के लोगों की अर्थव्यवस्था भी बदल गई है। लाहौल घाटी, जो कभी छह महीने के लिए शेष दुनिया से कटी रहती थी, अब पूरे साल यातायात के लिए खुली रहती है।
यहां के किसानों-बागवानों के उत्पाद अब अन्य राज्यों की मंडियों में समय पर और कम लागत पर पहुंच रहे हैं। स्वरोजगार के नये अवसर पैदा होने से यहां से लोगों का पलायन भी रुका है। सिस्सू समेत लाहौल स्पीति के कई अन्य अनछुए स्थान पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
दरअसल, मनाली के बाद अब सिस्सू पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। लाहौल स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग से मनाली का सफर अब सिर्फ दो घंटे का रह गया है। करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है। अटल टनल के निर्माण का सपना तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने इसे देखा। इसे जमीन पर उतारने का काम अटल बिहारी बाजपेयी ने किया। सुरंग का काम नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ।
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यह सुरंग 3200 करोड़ रुपये की लागत से पीर-पंजाल पहाड़ियों को भेदकर बनाई गई है। पीर पंजाल पर्वत को काटकर 3200 करोड़ रुपये की लागत से बनी 9.2 किमी लंबी सुरंग का उद्घाटन 3 अक्टूबर, 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। राज्य के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के लिए, मोदी सरकार काम हो रहा। 436847 करोड़ रुपये की लागत से 785 किमी लंबाई की 31 सड़क परियोजनाएं।
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