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Himachal Tourism: गोबिंद सागर झील में अब क्रूज और मोटर बोट भी चलेंगे, बीबीएमबी की प्रतिबंधात्मक मंजूरी

• LAST UPDATED : September 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में अब क्रूज, मोटर बोट्स, हाई स्पीड बोट्स और शिकारा चलेंगे। इन पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने के लिए भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने सशर्त सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि अंतिम मंजूरी डीपीआर तैयार होने के बाद दी जाएगी। वहीं, पर्यटन विभाग ने डीपीआर के लिए बजट उपलब्ध कराने का रिमाइंडर सरकार को भेज दिया है।

जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से गोबिंद सागर झील में पर्यटन और साहसिक खेलों की गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए बीबीएमबी से अनुमति लेने के लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीबीएमबी ने अभी सशर्त अनुमति दे दी है। शर्त के अनुसार पहले विस्तृत डीपीआर बनाने को कहा गया है।

झील के दायरे को दर्शाना आवश्यक है 

डीपीआर में पर्यटन गतिविधियों और जल क्रीड़ाओं के लिए आवश्यक झील के दायरे को दर्शाना होगा। इसके अलावा यह भी गारंटी देनी होगी कि इन गतिविधियों की वजह से भाखड़ा बांध को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। उधर, पर्यटन विभाग की ओर से सरकार को डीपीआर के लिए बजट उपलब्ध कराने का रिमाइंडर भेजा गया है। पर्यटन विभाग ने पहले भी डीपीआर के लिए बजट देने की मांग की थी, क्योंकि डीपीआर बनाने के लिए लाखों रुपये का खर्चा होगा।

फोरलेन से गुजरने वाले पर्यटक होंगे आकर्षित 

बता दें कि इस परियोजना के धरातल पर उतरने से गोबिंद सागर झील में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का काफी लंबा भाग गोबिंद सागर झील के किनारे से होकर गुजरता है। झील में पर्यटन गतिविधियां होने से फोरलेन से गुजरने वाले पर्यटक आकर्षित होंगे। इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे और एक नई जगह पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगी। इसके साथ ही झील के साथ लगते कई धार्मिक और पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे।

गोबिंद सागर झील में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए बीबीएमबी ने शर्त के साथ सैद्धांतिक मंजूरी दी है। विभाग की ओर से डीपीआर के लिए बजट देने का रिमाइंडर भेजा गया है। बजट उपलब्ध होने पर डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। – रितेश पटियाल, जन सूचना संपर्क अधिकारी, पर्यटन विभाग।

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