India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से बीते दो महीने में पर्यटन कारोबार में करीबन 600 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। भूस्खलन से सड़कें बंद होने और बादल फटने से हुई तबाही के बाद सैलानी हिमाचल का रुख नहीं कर रहे। वीकेंड पर भी शिमला, मनाली, चायल, धर्मशाला और डलहौजी में होटलों के कमरे खाली हैं। सड़क, रेल और वायु यातायात प्रभावित होने के कारण प्रदेश में पर्यटन कारोबार ठप पड़ने लगा है।
जुलाई और अगस्त में होटलों में डिस्काउंट के चलते वीकेंड पर शिमला, कसौली और चायल के होटलों में 70 से 80 फीसदी कमरे बुक रहते थे। हफ्ते के अन्य दिनों में भी 40 से 45 फीसदी कमरों की बुकिंग रहती थी, लेकिन इस साल प्राकृतिक आपदा के बाद कमरे खाली हैं और होटल कारोबारियों ने स्टाफ छुट्टी भेज दिया है। पर्यटन स्थलों पर सैलानियों के न आने की वजह से ट्रैवल एजेंट्स,घोड़ा संचालकों, टैक्सी ऑपरेटर तथा गाइड, फोटोग्राफर का रोजगार बंद पड़ा है।
प्राकृतिक आपदा से बीते दो महीनों में हिमाचल के पर्यटन उद्योग को करीब 600 करोड़ का नुकसान हुआ है। पर्यटन कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार को बिजली के डिमांड चार्ज माफ करने चाहिए, जीएसटी रिटर्न भरने की मियाद तीन माह से बढ़ा कर छह माह करनी चाहिए और तुरंत एनएच बहाल करने चाहिए। – गजेंद्र सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन
कोरोना के बाद प्राकृतिक आपदा से टैक्सी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। टूरिस्टों के न आने से गाड़ियां खड़ी हो गई हैं और स्टाफ छुट्टी भेजना पड़ गया है। टैक्सी ऑपरेटरों के पास गाड़ी की किश्तें चुकाने तक के लिए पैसा नहीं है। आपदा की स्थिति में सरकार को टैक्सी ऑपरेटरों को राहत देनी चाहिए। – राजेंद्र ठाकुर, चेयरमैन, ऑल हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी
प्रदेश और केंद्र सरकार को सबसे पहले एनएच पर यातायात बहाल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। सड़कें बहाल होने के बाद ही सैलानी पर्यटन स्थलों तक पहुंच पाएंगे। रेल और वायु यातायात बहाल कर सुदृढ़ किया जाना चाहिए। चक्की मोड़ पर डबल लेन नहीं तो तुरंत सिंगल लेन सड़क बहाल की जाए। – महेंद्र सेठ, अध्यक्ष, होटल एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन
ये भी पढ़े-