India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात तथा शनिवार को बरसात के कारण एक बार फिर भारी तबाही हुई। मंडी की सुकेती खड्ड में बाढ़ आई जिस वजह से बल्ह घाटी में मंडी शहर से पांच किलोमीटर दूर रत्ती से लेकर गुटकर तक करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र में 11 पंचायतें और नगर परिषद के आठ वार्डों में जलभराव हो गया। उधर, बैहना से लेकर गागल, कुम्मी, सोयरा तक हर तरफ पानी भर गया।
यह मंजर सुबह 7:00 से लेकर 10:00 बजे तक का था, जिसमें कई लोग पानी में फंस भी गए। हालांकि अन्य लोगों ने इन्हें सुरक्षित बचा लिया। खड्ड से सटे दोनों तरफ के दर्जनों गांवों खासकर मैदानी क्षेत्र में पांच से सात फीट तक पानी भर गया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज परिसर में भी जलभराव के साथ मलबा आ गया। इससे मरीजों को परेशानी हुई।
जलभराव के बीच रत्ती के दो पंप ऑपरेटरों को एक शिक्षक ने बचाया। कई शिक्षण संस्थानों में पानी भर गया। नेरचौक मुख्य बाजार में ही 50 से अधिक घर और दुकानें पूरी तरह से डूब गईं। सुकेती खड्ड का पानी पुल के ऊपर से गुजर गया। निजी और सरकारी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
बाढ़ से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल्ट में भी बाढ़ के कारण स्कूल की दीवार टूट गई। डीएवी स्कूल नेरचौक स्थित डडौर की चहारदीवारी भी ढह गई है। बैहना के पास एक निजी स्कूल फिनीक्स में भी सुकेती खड्ड का पानी घुसने से नुकसान हुआ है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।
वहीं कांगड़ा जिले में ब्यास नदी में बने पौंग बांध के गेट खोलने पड़ गए। मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे पर छह मील के पास, पठानकोट-मंडी 32 मील के पास दिनभर और पांवटा-शिलाई एनएच तीसरे दिन भी पूर्ण रूप से बाधित रहा। प्रदेश में 302 सड़कें भी बाधित चल रही हैं। 1,184 बिजली के ट्रांसफार्मर और 26 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।