India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Weather, Himachal: हिमाचल प्रदाश में वीरवार को येलो अर्ल्ट और 4-5 अगस्त को ऑरेंज अर्ल्ट को जारी किया है। प्रदेश में बरसात का दौर 9 अगस्त तक जारी रहेंगा एसा पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4 और 5 अगस्त को मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने की संभावना जताई है। बुधवार को सोलन, शिमला, कांगड़ा में कुछ देर बारिश हुई। बुधवार शाम तक प्रदेश में 301 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। 160 पेयजल योजनाएं भी बंद रहीं।
रामपुर उपमंडल के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल उन्नू महादेव में भूस्खलन से मंदिर का दोमंजिला सराय भवन जमींदोज हो गया है। गनीमत थी कि घटना के समय सराय के अंदर कोई नहीं था, जिस वजह से जान का नुकसान होने से रह गया। हादसे के समय मंदिर के पुजारी और सेवक थोड़ी ही दूर महादेव के धुने के पास सो रहे थे। मंदिर के पुजारी शंभु का कहना है कि बुधवार की सुबाह करीवन 4 बजे अचानक बड़ी-बड़ी चट्टानें सराय भवन पर गिरीं और कुछ ही समय में दो मंजिला भवन मिट्टी के ढेर में तबदील हो गया।
सूचना मिलते ही एसडीएम रामपुर निशांत तोमर के निर्देश पर नायब तहसीलदार सराहन भीम सेन नेगी, ज्यूरी पुलिस चौकी प्रभारी सुनील दत्त नेगी और पटवारी अशोक कुमार के साथ मौके का जायजा लेने उन्नू महादेव मंदिर पहुंचे। नायब तहसीलदार ने नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर के पुजारी और सेवक के लिए गैस सिलिंडर सहित राशन का तुरंत इंतजाम करवाया। उन्होंने मलबे को हटाने के लिए मशीन की व्यवस्था करवाने के भी निर्देश दिए, जिससे मलबे में दबा प्राकृतिक गर्म पानी का स्रोत और दबा सामान निकाला जा सके।
गौर हो कि उन्नू महादेव हजारों लोगों की आस्था का केंद्र होने से हर रोज मंदिर में दर्शन करने और प्राकृतिक गर्म पानी के कुंड में स्नान के लिए भी सैंकड़ों लोग पहुंचते हैं। उन्नू महादेव मंदिर के महंत बाबा मस्तगिरी और श्रीखंड कैलाश छड़ी यात्रा समिति के प्रधान सुदर्शन सहगल ने बताया कि भूस्खलन के कारण मंदिर की सराय मलबे में तबदील हो गई है।
ज्यूरी पंचायत प्रधान तांपा देवी, उपप्रधान अरूण शर्मा, ब्लॉक महिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकांता और सोहन लाल ने भी सरकार और प्रशासन से क्षतिग्रस्त भवन और गर्म पानी के कुंड को दुरुस्त करने की मांग की है। नायब तहसीलदार भीम सेन नेगी ने कहा कि मंदिर के पुजारी और सेवकों के लिए गैस सिलिंडर और राशन की व्यवस्था करवा दी गई है।
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए मंदिर परिसर में किसी के भी जाने पर रोक लगा दी गई है। मंदिर के पुजारी और सेवक को भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। मशीन से मलबे को हटाने की व्यवस्था की जा रही है।
रामपुर उपमंडल के 12/20 क्षेत्र में करोड़ों रुपये के सेब को मंडी पहुंचाने पर संकट खड़ा हो गया है। इसकी वजह यह है कि क्षेत्र की चार पंचायतों के हजारों लोगों को लाभान्वित करने वाली तकलेच-देवठी सड़क का सेरी खड्ड के समीप 100 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। इस कारण पांच से सात लाख सेब की पेटियों को मंडी पहुंचाने की चिंता बागवानों को सता रही है।
क्षेत्र के निचले इलाकों में सेब सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है लेकिन मार्ग ध्वस्त होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। मजबूरी में बागवान मजदूरों से उक्त क्षेत्र में सेब की फसल को उठाकर दूसरी तरफ पहुंचाने को मजबूर हैं। इसमें उनके समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है। सैरी खड्ड के समीम जमीन दलदल में तबदील हो चुकी है। इस वजह से लोक निर्माण विभाग के लिए मार्ग बहाल करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
गौर हो कि उपमंडल की देवठी, कूहल, मुनिश बाहली और काशापाट पंचायत का संपर्क बीते दो सप्ताह से कटा हुआ है। यहां दो स्थानों पर सड़क का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है, जबकि भूमि धंसाव का सिलसिला अभी भी जारी है। सड़क बाधित होने के कारण जहां उक्त पंचायतों में राशन, खाद्य सामग्री और अन्य सामान पहुंचाना ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो गया है, वहीं सेब बहुल इस इलाके में ग्रामीणों की आर्थिकी का मुख्य साधन सेब उत्पादन है।
क्षेत्र के निचले इलाकों में सेब सीजन शुरू हो गया है, लेकिन तकलेच-देवठी सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। इस कारण लाखों पेटी सेब को मंडी पहुंचाना मुश्किल हो गया है। निचले क्षेत्रों से बागवान छोटे वाहनों में प्रति पेटी 40 रुपये भाड़ा देकर सेब सेरी खड्ड पहुंचा रहे हैं। यहां से आगे मजदूरों से सेब उठाकर खड्ड की दूसरी ओर पहुंचाया जा रहा है।
इसके एवज में बागवानों को 60 रुपये प्रति पेटी देने पड़ रहे हैं। ऐसे में बागवानों पर दोहरी मार पड़ रही है। इन पंचायतों में करीब पांच से सात लाख सेब की पेटियों का उत्पादन होता है। सड़कें बाधित होने से सेब को मंडी पहुंचाना परेशानियों भरा बना हुआ है। हजारों बागवानों ने प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग से क्षतिग्रस्त हुई सड़को को जल्द बहाल करने की मांग करी है।
स्थानीय बागवान सनम कायथ, अक्षय कायथ, बिट्टू कायथ, शेखर चौहान, योगेंद्र, बॉब चौहान, अविनाश कोटलू, ओपी चौहान, भरत कंटू, प्रवीण मेहता, हरदयाल और टेक सिंह सहित अन्यों ने कहा कि बागवानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर रहा है। उन्होंने सरकार और लोक निर्माण विभाग से जल्द सड़क बहाली की मांग की है।
वहीं बागवानों ने कूहल से लालसा वाया बाहलीधार वैकल्पिक मार्ग को जल्द बहाल करने का मुद्दा भी उठाया है। इस वैकल्पिक मार्ग से भी केवल छोटे वाहनों की आवाजाही हो सकती है। बागवानों ने इस सड़क को प्रमुखता से बहाल करने की विभाग से गुहार लगाई है।
सेरी खड्ड में लगातार भूमि धंसाव हो रहा है। अगर यहां पहाड़ी की ओर कटाव किया जाता है, तो ऊपर की सड़क को भी खतरा हो सकता है। मौसम खुलते ही सड़क बहाल करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। वीरवार को स्वयं मौके पर जाकर जायजा लूंगा। – शोभा राम, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग तकलेच
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