होम / Article 370 हटने के बाद कितना बदल गया कश्मीर?..आइए जानते हैं

Article 370 हटने के बाद कितना बदल गया कश्मीर?..आइए जानते हैं

• LAST UPDATED : December 11, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Article 370:  सन् 2019 में 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था। आर्टिकल 370 हटाने के बाद अब जम्मू कश्मीर स्पेशल स्टेट होने का दर्जा छीन गया और अब केंद्र सरकार के अधीन आ गया था। आज 11 दिसंबर 2023 को 4 साल बाद जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने वाला है।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 5 अगस्त 2019 से लेकर अब तक जम्मू कश्मीर कितना बदल चुका है।

अब बाहर के लोग भी खरीद सकते हैं कश्मीर की संपत्ति

2019 से पहले जम्मू कश्मीर में बाहरी लोगों को जो कि जम्मू कश्मीर से नहीं है को जमीन खरीदने की इजाजत नहीं थी। आर्टिकल 35 ए इस तरह की खरीदारी सिर्फ स्थानीय निवासियों तक सीमित रखता था। अब आर्टिकल 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर विकास अधिनियम में संशोधन किया और स्थाई निवासी शब्द को हटाने का फैसला किया। इसके बाद अब बाहरी लोग भी जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं।

अब जम्मू कश्मीर का अलग से संविधान या झंडा नहीं

आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को अपना झंडा और संविधान संविधान की अनुमति थी। जम्मू कश्मीर की अपनी ही दंड संहिता थी। आर्टिकल 370 के है जाने के बाद नागरिक सचिवालय समेत सरकारी कार्यालय में अब सिर्फ भारतीय तिरंगा ही फहराया जाता है।

महिलाओं के लिए कानून

अगस्त 2019 से पहले जम्मू कश्मीर की महिलाएं अगर किसी गैर स्थानीय पूर्व से शादी करती हैं तो वह अपनी संपत्ति जो कि जम्मू कश्मीर में मौजूद है पर अधिकार खो देती थी। क्योंकि उनके पति जम्मू कश्मीर के निवासी नहीं थे इसलिए उन्हें विरासत की संपत्ति खरीदने की अनुमति भी नहीं थी। लेकिन अब आर्टिकल 370 के है जाने के बाद महिलाओं के जीवन साथी को क्या स्थानीय होने पर भी अधिवास का दर्जा मिलता है। और वह अब संपत्ति खरीद सकते हैं और सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पत्थरबाजों के लिए कोई पासपोर्ट नहीं

भारत सरकार ने पत्थर बाजी करने वाले गतिविधि गतिविधियों में शामिल लोगों को भारतीय पासपोर्ट जारी न करने का फैसला लिया है।

आतंकी घटनाओं में आई कमी

आर्टिकल 370 के घर जाने के बाद कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई है। 3 साल बाद जब जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक आंकड़ा साझा किया तो पाया गया की 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 और 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच हुई आतंकी घटनाओं शहीद हुए जवानों और मारे गए आम लोगों की संख्या पहले से कम हो गई है।

बड़ी सरकारी नौकरी पाने वालों की तादाद

गृह मंत्रालय में पिछले साल और राज्यसभा में बताया कि 2019 से जून 2022 तक जम्मू कश्मीर में 29806 लोगों को पब्लिक सेक्टर में भर्ती किया गया है।

बदल रही घाटी की सियासत

जम्मू कश्मीर में अब माता वैष्णो देवी समेत 90 विधानसभा सीटें होंगी। रिपोर्ट के अनुसार 114 सदस्य विधानसभा में फिलहाल 90 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। बाकी सीटें पाक के अवैध कब्जे के इलाके में है। वहीं लोकसभा में पास सीटों में दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर में शामिल हैं। जबकि एक सीट दोनों ही क्षेत्र में साझा की होगी। विधानसभा कार्यकाल भी 5 साल का किया गया है जो कि पहले 6 साल का था।

पक्की सड़को की संख्या बड़ी

पहले जम्मू कश्मीर में रोड कनेक्टिविटी ठीक नहीं थी श्रीनगर से जम्मू जाने के लिए 12 से 14 घंटे का वक्त लगता था लेकिन अब श्रीनगर से जम्मू तक के 6 से 7 घंटो में पहुंचा जा सकता है।

ये भी पढ़े- SC on Article 370 LIVE: जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट, आज आएगा…

SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox