इंडिया न्यूज, शिमला।
HP University Announces Disability Policy : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने विकलांगता नीति की घोषणा की है। इसमें दिव्यांग विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की अधिकारों का विस्तृत विवरण है।
‘दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति’ नामक इस दस्तावेज में दिव्यांग विद्यार्थियों के समग्र विकास और उनके साथ भेदभाव न करने की नीति पर जोर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने दिव्यांग विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली को छोड़कर उत्तरी राज्यों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ऐसा पहला उच्च शिक्षण संस्थान है जिसने अपनी विकलांगता नीति घोषित की है।
कुलपति ने कहा कि इस नीति को सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि दिव्यांग विद्यार्थियों को दर-दर न भटकना पड़े। विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए ‘शिकायत निवारण प्रकोष्ठ’ का गठन करेगा।
शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए नीति दस्तावेज में कहा गया है कि गंभीर दिव्यांगता होने की स्थिति में भी उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही दिव्यांग विद्यार्थियों को खेल गतिविधियों, योग, पुस्तकालय, कोचिंग, कौशल विकास एवं मनोरंजन आदि में समान अवसर दिए जाएंगे।
विश्वविद्यालय को बाधारहित बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए शिक्षा एवं होस्टल की सुविधा मुफ्त देने के साथ ही पीएचडी में हर विभाग में प्रतिवर्ष एक सीट देने का प्रावधान भी है।
अन्य पाठ्यक्रमों में 5 फीसदी आरक्षण और टाकिंग सोफ्टवेयर की सुविधा वाली सुगम्य लाइब्रेरी भी दिव्यांगों के लिए उपलब्ध होगी।
दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए ई-रिसोर्सेज मुहैया कराए जाएंगे। दिव्यांग विद्यार्थियों को दाखिलों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाएगी।
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि नीति दस्तावेज में कहा गया है कि दिव्यांग विद्यार्थियों को संचार के अद्यतन वैकल्पिक माडल उपलब्ध कराए जाएंगे।
इनमें विभिन्न टाकिंग सोफ्टवेयर, लार्ज प्रिंट, ब्रेल और इंडियन साइन लैंग्वेज शामिल हैं। पुस्तकालय की सभी पुस्तकों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा ताकि दृष्टिबाधित विद्यार्थी उन्हें ओनलाइन पढ़ सकें।
उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित एवं दिव्यांगता के कारण परीक्षा में लिख पाने में असमर्थ विद्यार्थियों के लिए राइटर का पैनल बनाया जाएगा।
जब तक यह पैनल नहीं बनता है, राइटर की शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर कोई शर्त नहीं लगाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अपने मौजूदा पाठ्यक्रमों में उचित संशोधन भी करेगा ताकि योग और खेल गतिविधियों आदि में दिव्यांग विद्यार्थियों का समावेश सुनिश्चित किया जा सके। HP University Announces Disability Policy
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