इंडिया न्यूज, हिमाचल प्रदेश (HRTC Bus Fair): हाल ही में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सरकारी बसों के किराए में बढ़ोत्तरी की गई है। बसों का किराया बढ़ाने के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। विपक्ष का कहना है कि किराया बढ़ाए जाने से सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब लोग पर पड़ेगा। इस बीच हिमाचल प्रदेश में भी किराए की दरों में बढ़ोत्तरी की चर्चा होने लगी है।हालांकि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य होने के चलते यहां किराए में गिरावट और बढ़ोत्तरी देखने को मिलती रहती है।
कोरोना के दौरान बीजेपी सरकार को निजी बस संचालकों के दबाव के चलते किराए में बढ़ोत्तरी करनी पड़ी थी। स्थिति सामान्य होने के बाद किराए में कमी कर दी गई थी। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में सफर करने के लिए प्रति किलोमीटर 2.19 रुपए चुकाने पड़ते हैं, वहीं मैदानी इलाकों में यह किराया 1.40 रुपए चुकाने पड़ते है।
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को बसों में सफर करने के लिए किराए में 50 फीसदी की छूट मिली हुई है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में ग्रीन कार्ड, स्मार्ट कार्ड और वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान कार्ड के जरिए किराए में छूट भी दी जाती है। ग्रीन कार्ड और सम्मान कार्ड के जरिए किराए में 20 फीसदी छूट दी जाती है। महिलाओें को 50 फीसदी की छूट केवल हिमाचल प्रदेश के अंदर यात्रा करने पर ही मिलती है, दूसरे राज्यों में पूरा किराया देना पड़ता है।
देश में कई महीनों से डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। हिमाचल प्रदेश में भी हाल ही में डीजल पर तीन रुपए वैट बढ़ा दिया गया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जनता को कड़े निर्णय का सामना करने का संदेश दे चुके हैं। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम किराया 5 रुपए तय किया गया है। ऐसे में संभव है कि आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश सरकार किराए में भी बढ़ोत्तरी कर सकती है।
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