India News (इंडिया न्यूज़), HRTC Loss Himachal : हिमाचल पथ परिवहन निगम को पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। बता दें प्रदेश भर में निगम की 3 हजार 132 बसें चलती हैं। वहीं इन बसों को 3 हजार 719 रूटों पर चलाया जाता है। हालांकि अभी दिल्ली से लेह तक चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को 1 हजार 355 करोड़ का नुकसान हुआ है। क्योंकि हर महीने हिमाचल पथ परिवहन निगम का 144 करोड़ रुपए का खर्चा आता है, वो भी जब उनकी कमाई सिर्फ 65 करोड़ रुपए है। इसी कारण हर महीने हिमाचल पथ परिवहन निगम को 69 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग को संभाल रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री बोले- एचआरटीसी को चलाने के लिए सरकार निगम प्रबंधन की मदद करती है। वहीं इसकी व्यवस्था को सुधारने का सरकार लगातार काम कर रही है। बता दें सरकार ने 15 साल पुरानी बसों को बंद करने का आदेश दिया है। जिसके बाद तत्काल प्रभाव से सरकार 167 बसों को सड़क से हटा रही है। हालांकि 1 हजार 199 बसें ऐसी हैं, जिनका टाइम पूरा हो चुका है और हालत बहुत ही ज्यादा खाराब हो गई है। वहीं अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार कुल 369 बसों को रोड से हटाने जा रही है।
बता दें हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारी दोनों ही हो चुके है परेशान, क्योंकि हर महीने इन्हें अपने तनख्वाह और पेंशन का इंतजार करना पड़ता है। जिसको लेकर अब उप मुख्यमंत्री बोले कि हर महीने की 7 तारीख को सरकार उन्हें उनकी तनख्वाह और पेंशन देने की पूरी कोशिश करेगी। वहीं उन्होंने बताया कि पेंशन देने में देरी इसलिए हो रही थी क्योंकि पेंशन देने का 9 करोड़ रुपए का ही सरकार पर दबाव बना हुआ है।