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Hydropower Project: हाइड्रोपावर परियोजना के दूसरे चरण को मिली मंजूरी, सीएम सुक्खू क्या बोले

• LAST UPDATED : July 31, 2024

India News HP (इंडिया न्यूज), Hydropower Project: केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने किन्नौर जिले में शोंगटोंग-करछम जल विद्युत परियोजना के लिए वन संरक्षण अधिनियम चरण-2 के तहत 85 बीघा जमीन के उपयोग की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक थी और इसके लिए राज्य सरकार लंबे समय से प्रयासरत थी। इस परियोजना के तहत पुल निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता थी, जिसे अब मंजूरी मिलने के बाद परियोजना के कार्य में तेजी आएगी।

परियोजना 2026 तक पूरे होने के आसार

शोंगटोंग-करछम जल विद्युत परियोजना 450 मेगावाट की क्षमता वाली है और इसे 2012 में अवॉर्ड किया गया था। यह परियोजना नवंबर 2026 तक पूरी होने का लक्ष्य है। इस परियोजना से राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। परियोजना के तहत विद्युत उत्पादन के लिए ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि परियोजना समय पर पूरी हो और राज्य सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो।

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मंजूरी को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से लंबित थी, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान हो सके।

पहले चरण को 19 मार्च को मिली स्वीकृति

परियोजना के पहले चरण की स्वीकृति केंद्र सरकार ने 19 मार्च को दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों और शर्तों की अनुपालन रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र को सौंपी। इसके बाद राज्य सरकार ने अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्र से आग्रह किया, जो अब प्राप्त हो गई है। यह परियोजना न केवल राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।

इससे किन्नौर जिले और आसपास के क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और राज्य की समग्र आर्थिक वृद्धि में योगदान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस परियोजना से राज्य में हरित उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।

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