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Illegal Recovery by Becoming a Fake IG हरियाणा पुलिस के 2 कर्मी गिरफ्तार

• LAST UPDATED : February 10, 2022

Illegal Recovery by Becoming a Fake IG हरियाणा पुलिस के 2 कर्मी गिरफ्तार

  • 9 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजे
  • पकड़े गए आरोपियों में 1 पुलिस कांस्टेबल तो दूसरा जेल वार्डन
  • काला अंब के एक उद्योगपति की शिकायत पर की कार्रवाई
  • मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल अभी भी गिरफ्त से बाहर

इंडिया न्यूज, शिमला :

Illegal Recovery by Becoming a Fake IG : फर्जी आईजी बनकर अवैध धन की वसूली करने के आरोप में हिमाचल सीआईडी की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

एसआईटी ने इस मामले में हरियाणा पुलिस के 2 कर्मियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 1 पुलिस कांस्टेबल है, जबकि दूसरा जेल वार्डन के पद पर कार्यरत है।

इन पर आरोप है कि ये दोनों हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य आरोपी एवं फर्जी आईजी विनय अग्रवाल के लिए गनमैन का काम करते थे।

काला अंब के उद्योगपति जगवीर की शिकायत पर इन्हें आरोपी बनाया गया है। इन दोनों को कोर्ट ने 9 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

इनसे अवैध धन वसूली के मामले में पूछताछ की जा रही है। ये दोनों कई दिनों से एसआईटी के राडार पर थे लेकिन मोबाइल फोन बंद होने के कारण इनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी।

बताते हैं कि ये हरियाणा सरकार में भी ड्यूटी पर नहीं जा रहे थे। सीआईडी की एक टीम इन पर पैनी निगाहें रखी हुई थीं। अवैध तरीके से गनमैन की ड्यूटी देने के बदले कितनी घूस ली, इसका पता पूछताछ से ही चलेगा।

हरियाणा पुलिस के इन आरोपी कर्मियों को गुरुवार को नाहन की कोर्ट में पेश किया गया। यहां से इन्हें 9 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

अब इनसे कड़ी पूछताछ कर सारी जानकारी जुटाई जा रही है। यह अपराध काला अंब में घटित हुआ है। इस कारण इन दोनों को यहां लाया गया था।

इस मामले में मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल और उसका भाई संजीव अग्रवाल उत्तराखंड के हरिद्वार में फार्मा यूनिट चलाता है। जांच के अनुसार वह जगवीर के लिए भी कार्य करता था लेकिन बाद में इनमें अनबन हो गई थी।

बता दें कि विनय अग्रवाल पर आरोप है कि वह आईबी के फर्जी आईजी के तौर पर अपनी पहचान बताता था। वह केंद्र सरकार का अधिकारी बनकर औद्योगिक क्षेत्रों से जबरन धन वसूली करता था।

उसके साथ हरियाणा पुलिस के ये कर्मचारी सुरक्षा कर्मी के रूप में रहते थे। इस कारण उद्योगपति भी उस पर भरोसा कर लेते थे। शिकायत के आधार पर सीआईडी ने पिछले महीने शिमला के भराड़ी थाने में केस दर्ज किया था।

इस मामले की गहनता से जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन किया था। एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में बनाई गई इस टीम में एसपी आर्थिक अपराध विंग गौरव सिंह समेत साइबर क्राइम, क्राइम ब्रांच के अधिकारियोें, कर्मियों को शामिल किया गया है। अभी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। Illegal Recovery by Becoming a Fake IG

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