इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और सरदार पटेल विश्वविद्यालय में यूजी स्तर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शैक्षणिक सत्र 2023 से शुरू किया जाना है। वहीं प्रदेश के 135 कॅालेजों में प्राचार्यों के 100 पद खाली हैं। सीएम और डिप्टी सीएम के गृह जिलों के कॅालेजों में भी प्राचार्य के पद खाली है। विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम बनाकर भले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी कर ले लेकिन इसे संचालित करने के लिए मुखिया ही नहीं है।
प्रदेश में पिछली बीजेपी सरकार और वर्तमान की कांग्रेस सरकार से राजकीय महाविद्यालय संघ कई बार कॅालेजों में प्राचार्य के खाली पदों को भरने के लिए मागं कर चुका है। वहीं साल 2018 से लेकर शिक्षा विभाग में विभागीय पदोन्नतियां रुकी हुई हैं। इसके लिए भी संघ सरकार को अवगत कराकर पदोन्नतियां करके स्थाई प्राचार्य की तैनाती करने की मागं कर चुका है। इसके बाद भी स्थिति पहले जैसी ही बनी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से प्रदेश के कॅालेजों में मल्टी डिस्पिलेनरी, विषयों की च्वॉयस देने के साथ डिग्री को चार साल की किए जाने, कॉलेज में ही शोध कार्य करवाने के लिए 2500 और शिक्षकों की आवश्यकता होगी। मौजूदा समय में कॅालेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए करीब 1400 शिक्षक ही सेवारत हैं। सरकार ने 539 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
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