इंडिया न्यूज़ , धर्मशाला
Inauguration at Dhauladhar Campus हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर एक में मंगलवार को कैपेसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम पर कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिक्षा विभाग भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा वित्त पोषित कैपेसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत इस कार्यशाला का आयोजन कर
रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाली इस कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने किया। बतौर विशिष्ट अतिथि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा0 सुरेश सोनी ने इस कार्यशाला में भाग लिया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव और शिक्षा स्कूल के अधिष्ठाता प्रो0 विशाल सूद ने सभी का स्वागत किया। इस मौके पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 प्रदीप कुमार, परीक्षा नियंत्रक डा0 सुमन शर्मा और वित्त अधिकारी नरेंद्र मौजूद रहे। उन्होंने कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान विवि के कुलपति प्रो0 सत प्रकाश बंसल को सम्मानित किया।
उन्होंने इस कार्यशाला में भाग ले रहे विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों का स्वागत किया। वहीं बतौर विशिष्ट अतिथि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा0 सुरेश सोनी का इस कार्यशाला में भाग लेने पर आभार जताया।
उन्होंने कहा कि 12 दिवसीय इस कार्यक्रम में आठ राज्यों से प्रतिभागी आए हैं। जो विभिन्न शिक्षण संस्थानों से हैं और विभिन्न विषयों के ज्ञाता है। उक्त कार्यशाला में चार सत्र रहेंगे जिसमें तीन सत्र अकादमिक और एक सत्र में डिस्कशन, रिसर्च पर चर्चा होगी। यह कार्यशाला अध्यापन के क्षेत्र में क्या नए-नए परिर्वतन आ रहे हैं, टीचिंग स्किल बढ़ाने के लिए और आनलाइन एप्लीकेशन में किस तरह से बदलाव आए हैं। इन सब पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रतिभागियों को फील्ड वीजिट भी करवाई जाएगी।
महामारी ने ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षा की ओर हमारा ध्यािन केंद्रित किया है। कैपेसिटि बिल्डिंग प्रोग्राम में भी ऑफलाइन से ऑनलाइन शिक्षा की ओर शिफ्टिंग पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर प्रकाश डाला जाएगा। भारत का समग्र शिक्षा का शानदार इतिहास रहा है।
प्राचीन काल में शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं था। स्वामी विवेकानंद के अनुसार, शिक्षा आपके दिमाग में रखी गई जानकारी की मात्रा नहीं है। हमारे पास जीवन-निर्माण, मानव निर्माण और चरित्र निर्माण के लिए विचारों का संगम होना चाहिए।
वहीं बतौर विशिष्ट अतिथि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा0 सुरेश सोनी ने कहा कि केंद्रीय विवि की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। फिर चाहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो या विवि परिसरों का निर्णाण। उन्होंने उक्त कार्यशाला के संबंध में कहा कि इसमें देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
जब यह कार्यशाला समाप्त होगी तो निशिचत रूप से काफी सफल रहेगी। विवि यह मंच दे रहा है विभिन्न प्रतिभागियों को कि वे शिक्षा के संबंध में आपस में चर्चा कर सकें। हर इंसान अपने आप को लेकर विचारों की स्वतंत्रता चाहता है। पहले समाज में अपने विचारों को रखने की कोई स्वतंत्रता नहीं होती थी। आज हर कोई अपनी बात को सबके समक्ष रखने में सक्षम है।
क्षमता निर्माण के तहत अगर आपको किसी को सही जानकारी देनी है तो आपको अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित करनी होगी, तभी आप किसी को गाइड कर पाएंगे। अगर हम आधी-अधूरी जानकारी एकत्रित करके अपने फैसले लेते हैं तो वह गलत होते हैं। अपने फैसले पर अडिग रहना यह है क्षमता निर्माण की प्ररेणा।
जानकारी तो गूगल पर भी मिल सकती है लेकिन आपका व्यवहार कैसा है यह क्षमता निर्माण है। वहीं कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को समाप्त करते हुए परीक्षा नियंत्रक डा0 सुमन शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि निशिचत रूप से उक्त कार्यशाला जिस उद्देश्य को लेकर शुरू हुई है वह पूरा होगा।
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