भारत समृद्ध विरासत, त्योहारों, धर्मों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का एक सर्वव्यापी संगम है-जी0 किशन रेड्डी

भारत समृद्ध विरासत, त्योहारों, धर्मों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का एक सर्वव्यापी संगम है-जी0 किशन रेड्डी

 

इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)

 

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राज्य पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत जय राम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और क्वछम्त् जी0 किशन रेड्डी द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों के अभिनंदन के साथ हुई। इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, हरियाणा, मिजोरम, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश सहित 12 राज्यों के पर्यटन मंत्री उपस्थित थे।

कार्यशाला के दूसरे दिन जी0 किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन उद्योग एक पुनरुद्धार के लिए पूरी तरह तैयार है जबकि कोविड जैसी महामारी भी हमारे साथ है। यात्रा गंतव्य के रूप में, भारत उत्पादों और अनुभवों की विविधता प्रदान करता है। दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक भारत की समृद्ध विरासत, त्योहारों, धर्मों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का एक सर्वव्यापी संगम है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी वैश्विक पर्यटक के लिए भारत सिर्फ देखने और घूमने की जगह नहीं है, बल्कि अनुभव करने और जीवन भर के लिए बदलने की जगह है। यदि भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के अपने तात्कालिक लक्ष्यों और एक विकसित राष्ट्र के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता है तो पर्यटन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

रेड्डी ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दो पहलुओं पर जोर दिया है, पहला है संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण, जहां हम अलग-अलग साईलो को तोड़ते हैं और सरकारी मंत्रालयों में मिलकर काम करते हैं। दूसरा हमें टीम इंडिया के रूप में काम करना है, जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर नागरिकों के लाभ के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा, ’’मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि सभी सरकारी प्रतिनिधियों के साथ, यह सभी दृष्टिकोणों को सामने रखने और इस क्षेत्र के लिए एक दृष्टिकोण रखने का एक आदर्श मंच है।’’ मंत्री ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों और समुदायों के समर्थन को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए ताकि पर्यटन का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचे। संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण और जनभागीदारी देश में पर्यटन क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं।

सभी स्तरों पर युवा पर्यटन क्लब बनाने पर काम करने की जरूरत है- रेड्डी

श्री रेड्डी ने अपील की कि एनएसएस, एनसीसी की तरह हमें सभी स्तरों पर युवा पर्यटन क्लब बनाने पर काम करने की जरूरत है। राज्यों को इन पर्यटन क्लबों की स्थापना के लिए युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है जो युवाओं को देखो अपना देश की अवधारणा से परिचित कराएंगे। श्री रेड्डी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पर्यटन की वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने के लिए हर स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करना सबसे मौलिक आवश्यकता है। हमें हर हितधारक से एक सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता है, चाहे वह केंद्र हो, राज्य हो या उद्योग हो।

हिमाचल प्रदेश दुनिया के लिए बहुत सारे अनूठे गंतव्य प्रस्तुत करता है-जय राम ठाकुर

इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने कहा, ’’आज हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि पूरे भारत के प्रतिनिधि यहां हमारे साथ हैं। मुझे खुशी है कि हिमाचल प्रदेश को आप सभी की मेजबानी करने का यह अवसर मिला है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा यह एक उत्कृष्ट पहल है। हिमाचल प्रदेश दुनिया के लिए बहुत सारे अनूठे गंतव्य प्रस्तुत करता है।’’
उन्होंने आगे कहा कि भारत और हिमाचल में पर्यटन उद्योग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, हालाँकि, अब हम एक बदलाव के मुहाने पर हैं। उन्होंने कहा, ’’अब, हमारी सरकार ने हमारे कुछ कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को उजागर करने के लिए ’’नई राहें नई मंजिलें’’ योजना भी शुरू की है। राज्य ने पर्यटकों को न केवल एक सप्ताहांत के लिए बल्कि लंबे समय तक रहने के लिए भी कई नई परियोजनाएं शुरू की हैं।’’

अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हमारे छिपे हुए सांस्कृतिक और प्राकृतिक पहलुओं को सामने लाना समय की आवश्यकता है-अजय भट्ट

पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सुझाव दिया कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हमारे छिपे हुए सांस्कृतिक और प्राकृतिक पहलुओं को सामने लाना समय की आवश्यकता है। ’’हमने देखो अपना देश पहल के साथ COVID 19 के कठिन समय से निपटा है। हम अपने प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, सबसे अच्छी प्राकृतिक सुंदरियों में से एक होने के बावजूद, भारत 2 प्रतिशत से कम वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करता है, और, यह केवल उस क्षमता की ओर इशारा करता है जिसे हम प्राप्त कर सकते हैं।’’

श्रीपद नाइक, पर्यटन राज्य मंत्री, बंदरगाह, नौवहन जलमार्ग ने पर्यटन मंत्रालय की PARSHAD और स्वदेश दर्शन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन की बात की, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अन्य प्रमुख पहलों और प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। PRASHAD योजना, पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में चिन्हित तीर्थ और विरासत स्थलों के एकीकृत विकास के लिए शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

सभा को संबोधित करते हुए, भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष, संबित पात्रा ने कहा, ’’मेरा दृढ़ विश्वास है कि जहां तक पर्यटन का संबंध है, यह मानसिक स्थान को लक्षित करने के बारे में अधिक है। पहला मंत्र सही विज्ञापन के साथ मानसिक स्थान पर अपील करना है। हमारे अतुल्य भारत के बारे में।

राष्ट्र की विशाल और विविध संस्कृति की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में ’’कंकड़ कंकड़ में है शंकर’’ और हमें संभावित पर्यटकों के लिए इसे उजागर करने का प्रयास करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ’’प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में, भारत स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, आदि के साथ पर्यटन क्षेत्र में नई प्रगति करने का प्रयास कर रहा है।’’

सत्र के दौरान, अरविंद सिंह, सचिव, पर्यटन मंत्रालय ने कहा, ’’पर्यटन क्षेत्र पिछले दो वर्षों में COVID 19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ था। दो साल के अंतराल के बाद पहली बार, हम यहां शारीरिक रूप से चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं। पर्यटन क्षेत्र का पुनरुद्धारय और, यह अपने आप में पर्यटन क्षेत्र में बदलाव का प्रतीक है।’’

अरविंद सिंह ने यह भी कहा कि जी-20 प्रेसीडेंसी भारत के लिए पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है और पर्यटन क्षेत्र के पुनरुद्धार से भारत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, FAITH के अध्यक्ष, नकुल आनंद ने कहा, ’’हम एक सामान्य उद्देश्य के तहत मिलते हैं, जिसने कई लोगों को आजीविका प्रदान की है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, दुनिया के पर्यटन हिस्से का एक छोटा सा हिस्सा है। COVID19 पर्यटन क्षेत्र में सबसे खराब संकट बना रहा। यह वर्ष आशा की एक नई किरण लेकर आया। आने वाले वर्ष में भारत में यात्रा का उदय भी होगा, क्योंकि राष्ट्र महामारी के सदमे से उभरेगा। हमें अपने प्राचीन के साथ वर्तमान पर्यटन को मिश्रित और बढ़ावा देने की आवश्यकता है संस्कृति।’’ उन्होंने यह भी कहा, ’’पर्यटन उद्योग अब समय की मांगों का जवाब दे रहा है और हम एक पर्यटन क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं जो अनुभवात्मक मूल्यों पर केंद्रित हैै।’’

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Shailesh Bhatnagar

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