इंडिया न्यूज, Bilaspur (Himachal Pradesh)।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) ने गुरुवार को यहां एम्स (AIIMS) व जिला बिलासपुर के विकासात्मक कार्य योजनाओं (development works) की समीक्षा (reviewed) की।
बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग, विधायक सदर सुभाष ठाकुर, विधायक झंडूता जेआर कटवाल, विधायक भोंरज कमलेश कुमारी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, आपदा प्रबंधन उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय, पुलिस अधीक्षक एसआर राणा व निदेशक एम्स बीर सिंह नेगी, निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग पंकज ललित उपस्थित रहे।
नड्डा ने बैठक में उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय व निदेशक एम्स बीर सिंह नेगी से प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि बिलासपुर में 750 बैड का एम्स संस्थान लगभग 1,471 करोड़ की लागत से निमार्णाधीन है जिसका अधिकांश कार्य पूरा कर लिया गया है।
इसके भवनों के निर्माण कार्यों के साथ-साथ डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि जनता को अतिशीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ मिल सके।
इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रशासनिक और अकादमिक भवनों के अलावा होस्टल और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी सुचारू रूप से आरंभ कर दी गई हैं। अस्पताल में अधिकतर चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवा दिए गए हैं। अन्य उपकरण एवं सुविधाएं मुहैया करवाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
नड्डा ने कहा कि मेडिकल फैकल्टी, सीनियर रेजिडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ आदि की चरणबद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया जारी है। 5 दिसंबर, 2021 से अभी तक स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों, मेडिसिन, न्यूरोलाजी, नेफ्रोलाजी, एंडोक्रायनोलाजी, सर्जरी आदि में ओपीडी सेवाएं दी जा रही हैं जिससे लोगों को बेहतरीन डे-केयर सुविधा मिल रही है।
इसके अलावा, प्रदेश के दूरदराज जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चम्बा में भी सेवाएं प्रदान करने में एम्स सराहनीय योगदान दे रहा है।
आईआईटी मंडी के साथ समझौता ज्ञापन कर अनुसंधान गतिविधियों और अकादमिक आदान-प्रदान की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के रोगियों को भी एम्स सेवाएं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि एम्स और हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज को प्रतिदिन 21 लाख लीटर पेयजल उपलब्ध करवाने के आशय से 66 करोड़ रुपए की कोलडैम उठाऊ पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई है जिसका 97 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।
जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि गोविंद सागर झील में समा चुके बिलासपुर के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए 1,400 करोड़ की परियोजना बनाई गई है जिसे 3 चरणों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में इन मंदिरों को नाले का नौण में पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव है।
इसी परियोजना के दूसरे चरण में सांडू के मैदान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आस-पास एक जलाशय बनाया जाएगा।
इसमें रिवर फ्रंट और वाकवेज इत्यादि विकसित किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से जहां बिलासपुर आदर्श पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा, वहीं इससे बिलासपुर का पुराना इतिहास और संस्कृति भी पुनर्जीवित होगी जिससे बिलासपुरवासियों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
नड्डा ने कहा कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन नेशनल हाईवे का कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। लगभग 47 किलोमीटर 750 मीटर लंबे इस मार्ग पर 22 बड़े पुल, 15 छोटे पुल हैं जिनमें से कुल 21 पुलों का काम पूरा कर लिया गया है।
बाकी 16 पुलों का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। इस मार्ग पर 5 डबल लेन टनल का निर्माण किया जा रहा है। फोरलेन का कार्य पूर्ण होने पर गरामोड़ा से मंडी की दूरी 40 किलोमीटर कम होगी तथा यात्रा का समय भी लगभग सवा घंटा कम हो जाएगा।
बिलासपुर और कैंची मोड़ की दूरी वर्तमान के 48 किमी से 26 किलोमीटर हो जाएगी और यात्रा का समय भी 90 मिनट से 30 मिनट हो जाएगा।
नड्डा ने कहा कि 6,753 करोड़ की लागत से बनने वाली भानुपल्ली रेलवे लाइन का कार्य प्रगति पर है। इसके तहत, हिमाचल प्रदेश में 48.6 किलोमीटर लाइन बिछाई जाएगी।
इस ट्रैक पर 20 टनल और 26 मुख्य पुल बनाए जाएंगे। परियोजना के तहत बिलासपुर तक बनने वाली 9 सुरगों का कार्य अवार्ड कर दिया है और कार्य प्रगति पर है।
इस परियोजना के तहत बैरी तक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत 52 किमी तक अधिग्रहण कार्य 31 जुलाई, 2022 तक और 52 से 63 किमी के बीच की भूमि के अधिग्रहण का कार्य 31 दिसम्बर, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के माध्यम से जिला बिलासपुर रेल नेटवर्क से जुड़ेगा और यहां के औद्योगिक क्षेत्रों विशेषकर सीमेंट प्लांट्स को फायदा होगा।
इससे पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कम विकसित क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। इसके अलावा, पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ ही सड़क मार्ग पर वाहनों की भीड़ भी कम हो जाएगी।
ऐतिहासिक एवं धार्मिक श्री नैना देवी मंदिर के लिए भी बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। यही नहीं, इससे लेह तक रेल कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त होगा।
नड्डा ने कहा कि बिलासपुर में 50 बिस्तर क्षमता वाले मदर-चाइल्ड हैल्थ केयर सेंटर के निर्माण पर 10 करोड़ की राशि व्यय की जा रही है और इसका 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और 30 जून तक अस्पताल का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की मरम्मत पर लगभग ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं जिसका कार्य प्रगति पर है।
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