इंडिया न्यूज, मंडी।
job-given-to-wife-of-deceased-driver-of-pandoh-bus-accident : जिले के पंडोह में गत 4 अप्रैल को हुए एचआरटीसी (HRTC) बस हादसे में अपने प्राणों की आहुति देकर 38 सवारियों की जान बचाने वाले बस चालक 33 वर्षीय स्वर्गीय नंदकिशोर की पत्नी चिंता देवी को हिमाचल सरकार ने रिकार्ड समय में नौकरी देकर गुड गवर्नेंस का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
चिंता देवी को उनकी पात्रता के अनुरूप निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्त किया गया है।
एचआरटीसी के प्रबंधक निदेशक संदीप कुमार सोमवार को खुद कोटली उपमंडल के ढंडाल गांव में उनके घर गए और चिंता देवी को नियुक्ति पत्र सौंपा। उन्हें नजदीकी कोटली बस स्टैंड में तैनाती दी गई है।
यह अपने आप में अभूतपूर्व है कि एचआरटीसी प्रबंधन ने रिकार्ड समय में चिंता देवी को नौकरी देने से जुड़ी सारी प्रक्रिया को पूरा किया है।
संदीप कुमार ने बताया कि शिमला मुख्यालय में दस्तावेज प्राप्त होते ही महज 1 दिन में प्रक्रिया को पूरा किया गया। गत 8 अप्रैल प्रात: दस्तावेज शिमला कार्यालय पहुंचे थे।
दिन में सारी प्रक्रिया पूर्ण कर उसी सायं नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। पूरा एचआरटीसी परिवार इस दुख में नंदकिशोर के परिवार के साथ है और इसी नाते वे नंदकिशोर के परिजनों से मिलने और चिंता देवी को नियुक्ति पत्र सौंपने उनके घर आए थे।
बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गत 4 अप्रैल को जोनल अस्पताल मंडी का दौरा कर नंदकिशोर के परिवार के सदस्यों से मिलकर दुख जताया था और उनके परिवार को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता और पात्रता के अनुरूप नौकरी देने का भरोसा दिलाया था।
परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पूरी प्रक्रिया को शीघ्रातिशीघ्र करने के निर्देश दिए थे।
स्वर्गीय नंदकिशोर की पत्नी को अनुकंपा आधार पर नहीं, बल्कि एचआरटीसी की खास पालिसी की वजह से इतने कम समय में नौकरी दे पाना संभव हुआ है।
संदीप कुमार ने बताया कि एचआरटीसी के निदेशक मंडल ने 18 दिसंबर, 2021 को फैटल-नान फैटल पालिसी बनाई थी।
इसमें मुख्य रूप से बस दुर्घटना में मृत्यु अथवा एक्टिव ड्यूटी पर हादसे में 80 फीसदी विकलांगता पर परिवार के पात्र सदस्य को अधिकतम 3 महीने के अंदर नौकरी देने का प्रावधान किया गया है।
इसमें आय सीमा की कोई शर्त नहीं रखी गई है। नौकरी के लिए पद खाली होने का भी इंतजार नहीं किया जाएगा। इस पालिसी में एचआरटीसी के अनुबंध और डेली वेज समेत सभी कर्मचारियों को कवर किया गया है।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कर्मी दुर्घटना प्रवण वातावरण में काम करते हैं। ऐसे में यह पालिसी उनके लिए बहुत भरोसा देने वाली है।
नंदकिशोर अभी अनुबंध पर थे लेकिन एचआरटीसी की फैटल-नान फैटल पालिसी के चलते उनकी पत्नी को नौकरी देने का मामला इतने कम समय में सिरे चढ़ पाया। नंदकिशोर के पीछे परिवार में उनकी बीमार मां, पत्नी और 2 छोटे बच्चे हैं।
संदीप कुमार ने बताया कि एचआरटीसी ने 1.25 लाख सहायता राशि के रूप में नंदकिशोर के परिवार को दिए हैं। एचआरटीसी परिवार ने विशेषकर चालकों व परिचालकों ने योगदान देकर 55,000 रुपए उनके परिवार सौंपे हैं।
25,000 रुपए परिवहन मंत्री ने अपनी ओर से प्रभावित परिवार को दिए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से भी सहायता राशि दी गई है।
हादसे में घायल बस कंडक्टर निशांत का पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) में इलाज चल रहा है। प्रदेश सरकार तथा पथ परिवहन निगम उनका पूरा ध्यान रख रहा है।
उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। परिवहन निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने 55,000 की राशि परिचालक के इलाज के लिए मुहैया कराई है।
चंडीगढ़ में पथ परिवहन निगम के स्टाफ को प्रभावित परिवार को जब भी कोई किसी भी प्रकार की जरूरत हो तो उन्हें तुरंत सहायता मुहैया करवाने के आदेश दिए गए हैं।
संदीप कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह एचआरटीसी के ट्रैफिक मैनेजर ने खुद पीजीआई चंडीगढ़ जाकर घायल निशांत का हाल जाना।
इस दौरान उन्होंने निशांत की मां से भी मुलाकात की और उन्हें निगम की ओर से 20,000 रुपए सौंपे। इससे पहले भी विभाग की ओर से 10 हजार रुपए दिए जा चुके हैं।
आगे भी जिस भी प्रकार की सहायता की जरूरत होगी, निगम पूरी तरह से मदद के लिए साथ है। job-given-to-wife-of-deceased-driver-of-pandoh-bus-accident
Read More : महंगाई पर जेपी नड्डा आ गए कांग्रेस के निशाने पर