India News (इंडिया न्यूज़), Kangra News, Himachal, संवाददाता संजीव महाजन: वैसे तो आए दिन सड़कों पर बाजारों में गलियों में बेसहारा गौवंश घूमते हुए दिखाई देते हैं। लोग उपयोग के बाद गायों तथा बछड़ों को खुले में छोड़ देते हैं। जिससे आम राहगीरों को तो परेशानी उठानी ही पड़ती है मगर साथ में दुर्घटनाएं भी होती है। कभी कोई गौवंश गाड़ियों से टकराकर घायल होते हैं या मर जाते हैं या फिर टूव्हीलर के लिए दुर्घटना का सबब बनते हैं तथा लोग घायल हो कर अस्पताल पहुंच जाते हैं। मगर सोचने वाली बात यह है कि कुछ वर्ष पूर्व एक भी गाय सड़कों पर नहीं मिलती थी तो यह आई कहां से। स्वार्थी इंसान ही कहीं इसका जिम्मेदार तो नहीं। नूरपुर क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से गौसेवा दल काफी हद तक इस समस्या से निजात पाने में लगा हुआ है और इसमें कामयाब भी हुआ है।
गौ रक्षक अर्पण चावला ने बताया कि हम प्रयास कर रहे हैं कि इस तरह से सड़कों पर भटकते हुए गौवंश को देख कर मन मे पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि हमने अब तक हजारों चोटिल गायों को मलहम पटी कर विभिन्न गौशालाओं में पहुंचाया है। हमारे दल के लड़के हर परिस्थिति में गौसेवा के पूनित कार्य के लिए तत्पर रहते हैं! इसके अलावा रेडियम कालर लगा कर इनको सड़क दुर्घटना से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि उपयोग के बाद गाय को इस तरह से सड़कों पर छोड़ देना उचित नहीं है! इसके साथ जो गोचर भूमि है उस पर भी इंसान द्वारा कब्जा कर लिया गया है!जिस कारण गाय अब सड़कों पर बेसहारा भटकने पर मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि हम लगातार गोचर भूमि को छुड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि गौवंश को उनका अधिकार मिल सके। ताकि भविष्य में कोई भी गाय इस तरह से बेसहारा होकर सड़कों पर न मिले।