India News (इंडिया न्यूज़), Khushwant Singh litfest, Himachal: कसौली में चल रहे खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के अंतिम दिन कांग्रेस नेता और अभिनेता राज बब्बर ने मायानगरी मुंबई में युवा चेहरों की जल्दबाजी पर खुलकर चर्चा की। उनकी बेटी जूही बब्बर उनके साथ रहीं और दामाद अनूप सोनी ने उनके साथ संवाद किया। राज बब्बर ने कहा कि जो बाल कलाकार समय से पहले फिल्मों में आ जाते हैं, उन्हें बाद में रिजेक्ट कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यही हाल अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन और मेरे बेटे आर्य का हुआ।
अगर अमिताभ का बेटा पूरी तरह से सीख कर आता तो आज उसे अमिताभ का बेटा नहीं कहते। उन्होंने कहा कि चाइल्ड आर्टिस्ट के फेल होने का बड़ा कारण जल्द फिल्मों में आना है। उनके और अमिताभ को बेटे को पहली फिल्म में काम देने वाले प्रोड्यूसर और डायरेक्टर एक ही थे। अकसर जिन्हें बचपन में फिल्मों में रोल मिलता है, बड़े होने पर वे मायानगरी में फेल हो जाते हैं।
राज बब्बर ने बताया कि उन्होंने 6000 रुपये में स्कूटर बेचा और 100 रुपये लेकर मुंबई में किस्मत आजमाने आए। वे 6000 रुपये उन्होंने अपनी पत्नी को दे दिए और कहा कि हर महीने इससे 500 रुपये निकाल लेना और घर का खर्चा निकाल लेना। घर खर्च फिर भी 650 से 700 रुपये था। उसके बाद उन्होंने उनकी किस्मत ने उन्हें एक स्टार बना दिया।
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