इंडिया न्यूज़, कांगड़ा
माता बज्रेश्वरी देवी (Mata Bajreshwari Devi) का मंदिर कांगड़ा (Kangra) में प्रस्तावना के दो दशक बाद मंदिर के पास संग्रहालय बनाने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन टेंडर (online tender) की क्रिया शुरू हो गयी है। ये टेंडर 18 मई तक कार्यकर्त होंगे। इसकी ड्राइंग और एस्टीमेट (Drawing and Estimate) के लिए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) को ईमेल भेज दिया गया है।
यहाँ नीचे दो दुकाने और ऊपर मीनी संग्रालय बनाया जाएगा। अगर जगह कम पड़ी तो इस संग्रहालय को दो मंजिलों में बनाया जाएगा।
माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव 2005 में तैयार किया गया था। इसके साथ ही 2006 की बजट बैठक में धन का प्रावधान कर दिया गया था। लेकिन उसपर काम नहीं हुआ, हजारों वषों पुरानी पुरातत्व महत्त्व की दुर्लभ मूर्तियों मंदिर में रखी गयी हैं।
लोग कांगड़ा का इतिहास जाने के इच्छुक हैं। इसलिए संग्राहलय बना कर एक कोने में इन मूर्तियों को रखा जाएगा। आपको बता दे की ये मूर्तियां 11-12वीं शताब्दी की हैं।
इन मूर्तियों पर देवी-देवताओं की प्रतिमाएं अंकित हैं। यहां प्राचीन काल का त्रिशूल भी हैं, जिस पर 10 महाविद्याएं अंकित की हुई हैं। मंदिर के एक कक्ष में देवी द्वारा जालंधर दैत्य को पैरों के नीचे कुचलने की मुद्रा में प्राचीन मूर्ति बनाई गयी है, इस मूर्ति को दसवीं शताब्दी की माना जाता है।
इन मूर्तियों को वैज्ञानिक ढंग से सहेज कर रखना और साथ ही इनकी सुरक्षा भी जरुरी है। जो संग्रहालय बनाया जाएगा उसमे चार गैलरी बनाने की प्रस्तावना थी। पहले कक्ष में पाषाण मूर्तियों को और दूसरे कक्ष में शक्ति माता के विषय के कांगड़ा शैली लघु चित्रों को रखने का सुझाव दिया जा रहा है। माता के आभूषणों और पांडुलिपिओं वाद्य यंत्रों को चौथे कक्ष में प्रदर्शित किया जाना है।