India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Masik Shivratri 2024: हर माह कृष्ण पक्ष चतुर्दशी की तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह में 4 जून, मंगलवार को मासिक शिवरात्रि मनाई जा रही है। शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि का महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिसके कारण इस शिवरात्रि का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि पर कौन से विशेष योग बन रहे हैं।
ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि पर बन रहे हैं योग ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रा योग बन रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
भद्रा योग – ज्योतिष विद्वान भद्रा योग को बहुत शुभ मानते हैं। यह योग तब बनता है जब भद्रा स्वर्ग में रहती हैं और सभी जीवों के लिए लाभकारी माना जाता है। मासिक शिवरात्रि पर भद्रा योग रात 10:01 बजे से पूरी रात के लिए बन रहा है। इस योग में रात में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाता है।
सर्वार्थ सिद्ध योग – ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्ध योग भी बन रहा है। यह योग 4 जून को रात 10:35 बजे शुरू होगा और सुबह 5:23 बजे तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्ध योग में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
गर और वणिज करण योग – ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि के दिन गर और वणिज करण योग भी बन रहा है। सुबह 11:08 बजे से गर करण और वणिज करण योग बन रहा है। इन योगों में भगवान शिव की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है।
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