Municipal Corporation Shimla: नगर निगम शिमला के समरहिल ब्रांच के सचिव व कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता राजीव ठाकुर ने पलटवार किया है। राजीव ने बीजेपी के नेताओं की तरफ से समरहिल वार्ड में नगर निगम की मतदाता सूची में फर्जी वोट बनाने को लेकर दिए गए बयान को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी के नेताओं की हताशा सामनें आई है। कुछ लोग जिनमें शिमला शहर के बीजेपी के अध्यक्ष व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तथा समरहिल से पूर्व में चुनी हुई पार्षद जो बीजेपी में शामिल हो गई हैं वह बयानबाजी से अखबारों व खबरों की सुर्ख़ियों में बने रहना चाहती हैं। वे इस तरह की बयानबाजी कर समरहिल की जनता को बदनाम करने का काम कर रही हैं। जबकि बीजेपी की पूर्व सरकार के समय यही लोग निर्वाचन कर्मचारियों पर फर्जी वोट बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे।
बीजेपी नगर निगम शिमला के चुनाव को प्रभावित करने के लिए मार्च, 2022 में हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम में संशोधन कर शिमला शहर के हजारों नागरिकों (जो यहां पर रह रहे हैं और करदाता है) को उनके मताधिकार से वंचित कर दिया था। बीजेपी की तत्कालीन सरकार ने अपनी हार को देखते हुए नगर निगम चुनाव जून, 2022 को टाल दिया था और शिमला शहर की जनता को अपनी नगर निगम को चुनने के अधिकार से वंचित कर लोकतंत्र पर हमला किया था। परन्तु प्रदेश व शिमला शहर की जनता ने इन्हें नकार दिया है और सत्ता से बाहर कर दिया है।
बीजेपी की पूर्व सरकार के द्वारा किए गये इस जनविरोधी संशोधन से करीब 20000 से अधिक मतदाता अपने मत के अधिकार से वंचित रह गए थे। 2017 के नगर निगम शिमला के चुनाव में 1,04,070 मतदाता सूची में मतदाता शामिल थे परन्तु बीजेपी की सरकार ने बड़ी संख्या में मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर कर उनको लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर दिया था। सीपीएम राज्य चुनाव आयोग से आग्रह करती है कि बिना किसी दबाव के तुरन्त मतदाता सूची को बनाने का कार्य पूर्ण करे तथा नगर निगम शिमला के चुनाव शीघ्र करवाए। ताकि शिमला शहर की जनता को उनके द्वारा चुनी हुई नगर निगम मिल सके।