Naina Devi Temple: हिमाचल प्रदेश का श्री नैना देवी मंदिर प्रदेश का पहला शक्तिपीठ है जिसमें गर्भगृह से लेकर ऊपर गुंबद और अब बाहर से भी सोने से सुसज्जित हो गया है। मंदिर को स्वर्ण से सुसज्जित करने के इस कार्य को समाज सेवी संस्था के द्वारा बखूबी कराया गया है। इस मंदिर की सजावट तौर स्वर्ण लगवाने पर लगभग 16 करोड़ रुपए से ऊपर का खर्च आएगा। हिमाचल के विलासपुर में स्थित नैना देवी मंदिर के बाहर की स्वर्ण सजावट में लगभग 5 किलो 500 ग्राम सोना और इसके साथ ही 596 किलोग्राम तांबा का प्रयोग किया गया है। मंदिर में 596 किलोग्राम तांबे पर स्वर्ण की चादर लगाई गई है।
बता दे कि दिल्ली की समाज सेवी संस्था के द्वारा यह कार्य किया गया है। इस कार्य को पूर्ण करने की जिम्मेदारी 50 अव्वल कारीगरों को दी गई थी। कारीगरों को राजस्थान और गुजरात से बुलाया गया। नवरात्री के दौरान कारीगर दिन रात इस कार्य को पूरा करने में लगे रहें। अब मंदिर धीरे-धीरे स्वर्ण का नजर आने लगा है। नैना देवी शक्तिपीठ स्वर्ण से सुसज्जित होने के बाद मंदिर का दूर से ही अद्भुत दृश्य श्रद्धालुओं के मनों में प्राकृतिक सौंदर्य की अपार छटा बिखेर रहा है।
इससे पहले भी मंदिर की सजावट में स्वर्ण का कार्य पंजाब की समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा किया जाता रहा है। सबसे पहले नैना देवी मंदिर के स्वर्ण के गुंबद नैना देवी लंगर कमेटी पंजाब की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाई गई। उसके पश्चात गर्भ गृह के अंदर लगभग 3 किलो सोना तांबे के ऊपर चढ़ाकर लुधियाना की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाया गया था। जबकि मंदिर के गर्भगृह में लगा चांदी का बड़ा छत्र रोपड़ की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाया गया है जिसका बजन 19 किलो 500 ग्राम है।
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