इंडिया न्यूज, शिमला :
Uproar in Himachal Assembly : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच जबरदस्त तू तू-मैं मैं हुई।
यह तू तू-मैं मैं जलशक्ति मंत्री द्वारा कांग्रेस विधायक पवन काजल के साथ हुई गर्मागर्म बहस के बाद शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष ने जलशक्ति मंत्री ने पवन काजल के साथ किए गए व्यवहार का कड़ा विरोध किया और इसी मुद्दे पर सदन में माहौल गरमा गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंत्री किसी भी विधायक के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकते। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री और महेंद्र सिंह के मध्य हुई तीखी नोक-झोंक के बीच पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और जलशक्ति मंत्री का विरोध करने लगा।
इसके प्रति उत्तर में सत्ता दल के विधायकों ने भी जोरदार शोरगुल किया। इसी शोर-शराबे के बीच पूरा विपक्ष सदन के बीचोंबीच जा पहुंचा और कुछ देर के लिए जोरदार नारेबाजी की और बाद में पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।
सदन में आज उस समय तल्खी का माहौल पैदा हो गया, जब कांग्रेस सदस्य पवन काजल बजट चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। काजल ने जल जीवन मिशन और फ्लड प्रोटेक्शन में कांगड़ा के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि जल जीवन में 4 हजार करोड़ आया है जिसमें से मंडी के लिए 1,250 करोड़ की राशि रखी है, जबकि सबसे बड़े कांगड़ा जिले को केवल 800 करोड़ रुपए मिले हैं।
इससे साफ है कि कांगड़ा के साथ भेदभाव किया गया है। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत कांगड़ा जिले को पैसे का सबसे अधिक आबंटन हुआ है।
उन्होंने पवन काजल के उन आरोपों को भी गलत ठहराया जिनमें कहा गया था कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों को जल जीवन मिशन से वंचित रखा गया।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी क्षेत्र को इस मिशन से वंचित नहीं रखा जा सकता और कांगड़ा के साथ भी कोई भेदभाव नहीं हुआ है।
इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मांग की कि जलशक्ति मंत्री प्रदेश में जल जीवन मिशन को लेकर श्वेत पत्र जारी करें ताकि प्रदेश की जनता को पता चल सके कि किस क्षेत्र को कितना पैसा मिला है।
हालांकि जलशक्ति मंत्री ने यह कहते हुए नेता प्रतिपक्ष की मांग को नकार दिया कि जल जीवन मिशन के तहत हर क्षेत्र को पैसे का समान आबंटन हुआ है और इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। Uproar in Himachal Assembly
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