India News (इंडिया न्यूज़), Paragliding, Himachal: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की बंदला धार में हो रहे पैराग्लाइडिंग एडवांस (एसआईवी) कोर्स में भाग ले रहे देश भर के पैराग्लाइडरों को सोमवार को आपातकालीन स्थिति में झील में उतरने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान हवा में करतब करते प्रशिक्षु गोबिंद सागर झील में उतरे। सोमवार को ही दूसरे बैच का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया। पहले बैच के प्रशिक्षुओं को अंत में रिजर्व पैराशूट डिप्लॉय करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बताया गया कि यदि आसमान में उड़ते समय कोई आपात स्थिति आ जाए, तो पैराग्लाइडर के रिजर्व पैराशूट की सहायता से सुरक्षित लैंडिंग की जा सकती है। रिजर्व पैराशूट को प्रयोग में कैसे लाया जा सकता है, इसके बारे में पायलटों को जानकारी दी। पायलट द्वारा बंदला धार से उड़ान भर गोबिंद सागर झील में लैंड हुए।
दो रेस्क्यू टीम रखी तैनात
जिसके लिए पहले से ही झील के बीच विशेष रूप से दो रेस्क्यू टीम तैनात की गई थीं। जो कि दो मोटर बोट में सवार होकर प्रशिक्षण के तहत हर समय झील में ही घूम रही थी। जैसे ही पायलट झील में कूदता है, वैसे ही टीम उसे रेस्क्यू कर बाहर लाती है। प्रशिक्षण का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। सोमवार से ही दूसरे बैच का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया। दूसरे बैच में यूपी, हिमाचल, महाराष्ट्र, केरल और सिक्किम से प्रशिक्षण लेने के लिए पायलट पहुंचे हैं। दूसरे बैच में भी 25 प्रशिक्षु ही भाग ले रहे हैं। भारत के नंबर एक एक्रो पायलट पुणे के तानाजी टाकवे पायलटों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। कहलूर पैराग्लाइडिंग के उपाध्यक्ष सन्नी ने बताया कि प्रशिक्षण सुचारु रूप से चल रहा है। पहले बैच में 25 प्रशिक्षुओं ने चार दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। दूसरे बैच में भी 25 प्रशिक्षु चार दिन का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।