Pharmaceutical company: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने निम्न स्तर की दवाओं का उत्पादन करने वाली 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इनमें हिमाचल की 10 दवा कंपनियां भी शामिल हैं। प्रदेश में डीसीजीआई और ड्रग विभाग ने संयुक्त रूप से 33 कंपनियों में रिस्क बेस्ड निरीक्षण किया था। जानकारी के मुताबिक, डीसीजीआई ने कुल 20 राज्यों की 76 कंपनियों का निरीक्षण किया था। जिसमें हिमाचल की 33, उत्तराखंड की 45 और मध्य प्रदेश की 23 कंपनियां शामिल हैं।
हिमाचल की 10 दवा कंपनियों के उत्पादन पर लगी रोक
डीसीजीआई ने निरीक्षण के बाद लगाई रोक
18 कंपनियों के लाइसेंस किए गए निलंबित
डीसीजीआई ने कुल 20 राज्यों की 76 कंपनियों का किया निरीक्षण
हिमाचल प्रदेश की श्रीसाई बाबाजी फार्माटेक प्राइवेट कंपनी, सोलन ईजी फार्मा स्युटिकल, सिरमौर के नाहन रोड पर स्थित एथेंस लाइफ साइंसेस, पांवटा साहिब के नारीवाला में लेबोरेट कंपनी के यूनिट, जीएनबी मेडिका लैब को टेबलेट, कैप्सूल, ड्राई सिरप, इंजेक्टेबल, सेशे और प्रोटीन पाउडर का उत्पादन, कालाअंब में गनोसिस कंपनी को कास्मेटिक मैन्युफेक्चरिंग का निर्माण कार्य बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
दवा कंपनियों को ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के शेड्यूल एम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों का पालन करने के निर्देश के साथ सख्त चेतावनी दी गई है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि ये कार्रवाई दिसंबर से जारी है। इस रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन के तहत प्रदेश की 33 दवा कंपनियों की जांच की गई। जिसमें 10 में खामियां पाई गई, जिसके बाद उनके उत्पादन पर रोक लगा दी गई है। कुछ कंपनियों ने खामियों को ठीक कर लिया है। अन्य कंपनियां जैसे ही नियमों का पालन को पूरा करने लगेगी, उनमें भी निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा।
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