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Poisonous Liquor Case हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाई जाए जहरीली शराब प्रकरण की जांच – नरेश चौहान 

• LAST UPDATED : January 22, 2022
शिमला। 
Poisonous Liquor Case: प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चौहान ने मंडी जिले के सलापड़ में जहरीली शराब मामले की पूरी जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह मामला बहुत बड़ा है और एसआईटी इसकी तह तक नहीं जाएगी और न ही वह सभी दोषी विभागों पर कार्रवाई कर सकती है, इसलिए मुख्यमंत्री को खुद आगे आकर इसकी जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस घटना में संलिप्त अपने लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है और इसमें वह एसपी भी सदस्य है, जिसके जिले में यह घटना घटी है। वे शनिवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे।

सरकार ने अवैध शराब के धंधे को गंभीरता से नहीं लिया (Poisonous Liquor Case)

नरेेश चौहान ने इस घटना की सुस्त जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि अवैध नशे और शराब तस्करी का पूरा कारोबार सत्ता से जुड़े भाजपा नेताओं के सरंक्षण में फलफूल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले में हुई इस दुखद घटना के बाद सरकार की कानून व्यवस्था की पूरी पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि अवैध शराब कहां से आ रही है और अभी तक यह क्यों नहीं पकड़ी गई। उनका कहना था कि सरकार ने अवैध शराब के धंधे को गंभीरता से नहीं लिया है और आज जब सात लोगों की मौत हुई है तो अब जाकर सरकार की आंख खुली है।

खुले आम बिक रही है अवैध शराब (Poisonous Liquor Case)

चौहान ने कहा कि अवैध नशे का कारोबार जिस तेजी से प्रदेश में फैल रहा है वह बहुत ही दुखदायी है। उन्होंने कहा कि अवैध शराब से हुई मौत के लिए सरकार पूरी तरह दोषी है। सरकार की शासकीय व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गई है और खुले आम अवैध शराब बिक रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि बिना किसी संरक्षण के यह काम नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि आज शराब माफिया हो या अवैध खनन माफिया, किसी को भी कानून का कोई ख़ौफ़ नहीं है।

दोषियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई  (Poisonous Liquor Case)

नरेश चौहान ने सलापड़ में जहरीली शराब के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक तरफ पुलिस और आबकारी विभाग कहता है कि बार्डर पर सीसीटीवी लगे हैं और चौकसी कड़ी है, फिर यह अवैध शराब बाहर से कैसे आ रही है। वहीं, अगर यह प्रदेश में ही बन रही है तो कैसे बन रही है और संबंधित विभाग क्या कर रहा हैै।

सीमाओं पर कड़ी चौकसी करने की जरूरत (Poisonous Liquor Case)

उन्होंने जहरीली शराब से मारे गए सात लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही कहा कि अब सरकार मुआवजा देने की बात कर रही है, लेकिन मुआवजा देकर जीवन का मूल्य नहीं लगाया जा सकता। चौहान ने कहा कि सीमाओं पर कड़ी चौकसी करने की जरूरत है, जिससे किसी भी प्रकार के अवैध नशे की तस्करी पर अकुंश लग सके।
उन्होंने कहा कि मंडी जिला मुख्यमंत्री का गृह जिला है और जब उनके जिले में ही अवैध नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है तो प्रदेश के अन्य जिलों का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में नशे के फलफूल रहे धंधे पर सख्ती से नकेल कसने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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