इंडिया न्यूज, शिमला (हिमाचल प्रदेश)।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI) ने पुलिस भर्ती (Police recruitment) पेपर लीक मामले (paper leak case) को लेकर शुक्रवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) को ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन के माध्यम से माकपा ने मांग की कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में पीठासीन जज से करवाई जाए।
माकपा ने इस मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस विभाग के मुखिया पुलिस महानिदेशक को तुरंत उनके पद से हटाने की भी मांग की।
उधर, माकपा ने राज्यपाल से यह मांग भी की कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से करवाने के लिए सभी भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से करवाया जाए।
माकपा के इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के राज्य सचिव डा. ओंकार शाद, विधायक राकेश सिंघा, राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान, प्रेम गौतम, कुलदीप सिंह तंवर, फालमा चौहान, जगत राम, जगमोहन ठाकुर व सत्यवान पुंडीर शामिल हुए।
माकपा के राज्य सचिव डा. ओंकार शाद ने कहा कि उनकी मांग है कि 27 अप्रैल, 2022 को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने से हिमाचल प्रदेश की छवि धूमिल हुई है। वहीं, इससे प्रदेश की जनता की भावनाएं भी आहत हुई हैं।
प्रथम दृष्टया इस मामले की व्यापकता व पैसों के बड़े लेन-देन से आज प्रदेश में हो रही भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवालिया निशान लगा है।
इससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा जो आज रोजगार की उम्मीद रखते हैं, उनकी भावनाओं से भी खिलवाड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे चिंतनीय विषय यह है कि इससे पुलिस विभाग व सरकार की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठी है।
डा. शाद ने इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए राज्यपाल से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और आवश्यक कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने मांग की कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में पीठासीन जज से करवाई जाए। प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से करवाने के लिए सभी भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन बोर्ड के माध्यम से करवाई जाएं।
इस मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस विभाग के मुखिया पुलिस महानिदेशक को तुरंत उनके पद से हटाया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल इस गंभीर मामले पर तुरंत हस्तक्षेप और उनकी मांगों पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
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