India News (इंडिया न्यूज़), Public Works Department, Himachal: कांगड़ा जिले के बनेर और हमीरपुर के जाहू में निर्माणधीन पुल ढहने के मामले में इंजीनियरों के खिलाफ सख्ती की जा रही है। प्रदेश सरकार ने 14 इंजीनियरों और कर्मचारियों को चार्जशीट करने के बाद जांच के लिए कमेटी गठित की है। चार्जशीट में लगाए गए आरोप अगर सही पाए जाते हैं तो इन इंजीनियरों की वित्तीय लाभ के अलावा पदोन्नति भी रुक सकती है। चार्जशीट हुए इन इंजीनियरों में कई जूनियर इंजीनियर एसडीओ बन गए हैं, जबकि अधिशाषी अभियंता पदोन्नत होकर अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात हो गए हैं।
सरकार का मानना है कि निर्माण के दौरान अधिकारियों का मौके पर होना अनिवार्य किया गया था, ऐसी स्थिति में निर्माणाधीन पुल टूटना चिंता का विषय है। इसमें कहीं न कहीं इंजीनियरों की लापरवाही सामने आ रही है। बनेर खड्ड और जाहू में निर्माणाधीन पुल ढहने के मामले में सरकार ने लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने निर्माणाधीन पुल ढहने के मामले में जूनियर इंजीनियर से लेकर अधिशाषी अभियंता समेत 14 इंजीनियरों और कर्मचारियों को चार्जशीट किया है।
अब इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। डेढ़ साल पहले इन पुलों का निर्माण कार्य चल रहा था। काम के दौरान दोनों पुल ढह गए। मामले की जांच के बाद लोक निर्माण विभाग ने चार्जशीट तैयार की गई। इसके बाद दोनों मामले सरकार को भेजे गए। सूत्र बताते हैं कि जाहू पुल 75 मीटर लंबा था, जो तीन जगह से टूटा है। इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि दोनों निर्माणाधीन पुलों के ढहने के मामले में जांच चल रही है।
इंजीनियरों को चार्जशीट दी गई है। इनका जवाब आना बाकी है। इसके बाद अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को अपने पैसों से पुल बनाने को कहा गया है। ठेकेदार का काम देखने के लिए मौके पर इंजीनियरों की तैनाती की गई है। एक ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया गया है। एक साल तक वह कोई टेंडर नहीं भर सकेगा।
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