इंडिया न्यूज, बिलासपुर :
Rajendra Garg Statement : खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि भारत में सदियों से अनेक महान संतों ने जन्म लेकर इस भारत भूमि को धन्य किया है। इस कारण भारत को विश्वगुरु कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि जब-जब देश में ऊंच-नीच, भेदभाव, जाति, धर्म-भेदभाव अपने चरम अवस्था पर रहा है, तब-तब भारतवर्ष में अनेक महापुरुषों ने जन्म लेकर समाज में फैली बुराइयों, कुरीतियों को दूर करते हुए अपने बताए हुए सच्चे मार्ग पर चलते हुए भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया है।
इन्हीं महान संतों में संत गुरु रविदास जी का भी नाम आता है जोकि 15वीं सदी के एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक कवि और धर्म की भेद-भावना से ऊपर उठकर भक्ति भावना दिखाते हैं।
ऐसे महान संत गुरु रविदास जी के जीवन से हमें धर्म और जाति से ऊपर उठकर समाज कल्याण की भावना की सीख मिलती है। वे बुधवार को गुरु रविदास जयंती के मौके पर घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत लैहड़ी-सरेल के गांव बल्हड़ा में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
गर्ग ने महान गुरु रविदास जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके और पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि महान संत गुरु रविदास का जन्म माघ महीने की पूर्णिमा के दिन माना जाता है।
इसी दिन देश में संत गुरु रविदास की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि संत रविदास जी का जन्म बनारस में हुआ था।
उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं और आपसी भाईचारे को ही सच्चा धर्म मानते थे। रविदास जी ने अपनी काव्य-रचनाओं में सरल, व्यावहारिक ब्रजभाषा का प्रयोग किया है और उनका आत्म-निवेदन, दैन्य भाव और सहज भक्ति पाठक के हृदय को उद्वेलित करती हैं।
गर्ग ने कहा कि गुरु रविदास के जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं से समय तथा वचन के पालन से उनके गुणों का पता चलता है। उन्होंने बताया कि गुरु रविदास ने ऊंच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किए जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और सबको परस्पर मिल-जुलकर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।
उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी ने समाज में समरसता व प्रेम का भाव जगाया और समाज में फैली कुरीतियों को मिटाया व सामाजिक एकता का भाव पैदा किया।
उन्होंने कहा कि रविदास जी एक अवतारी पुरुष थे। ऐसे ही संत-महात्माओं के कारण भारत की संस्कृति अजर-अमर रही है। ऐसे संतों के कारण हमारा समाज आज भी एकजुट है।
उन्होंने कहा कि संत रविदास जी का जीवन और उपदेश आज के युग में भी प्रासंगिक हैं और हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा मिलती है। Rajendra Garg Statement
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