India news (इंडिया न्यूज़), Recognize the doctor, लाइफस्टाइल: नेशनल मेडिकल कमिशन’ (National Medical Commission) ने हाल ही में डॉक्टरों और आम लोगों के बीच विश्वास को बनाए रखने के लिए एक नीति लाने जा रही है। इस नीति के अंतर्गत सभी मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी डॅाक्टरों को एक यूआईडी नंबर प्रदान करेगी साथ ही देश के डॅाक्टरों को एक कोड भी उपलब्ध किया जाएगा। अगर आप किसी डॅाक्टर के पास इलाज करवाने के लिए जाएंगे तो इस खास बार कोड की मदद से या यूआईडी नंबर से आपको डॅाक्टर की शिक्षा के बारे में पता चल जाएगा। इसके साथ ही आपको डॅाक्टर के अनुभव, स्पेशलिस्ट है यो नहीं सबकुछ पता चल जाएगा।
कई बार ऐसा होता है कि डॅाक्टर को बीमारी के बारे में पता नहीं होता है फिर भी वह उस बीमारी का इलाज करते हैं। इस नीति के लागू हो जाने से देश के झोला छाप डॅाक्टरों का सफाया हो जाएगा। साथ ही आपको अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। आपको कोई बेवकूफ नहीं बना पाएगा।
आपको बता दें कि देश में जितने भी डॅाक्टर हैं उनके पार लोगों के इलाज करने का लाइसेंस है। उन सभी का एक कॅामन रजिस्टर होता है। जिसे एनएमसी के तहत नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईएमआरबी) की तरफ से अधिकार प्राप्त किया गया होता है।
इस रजिस्टर में देश के सभी राज्यों के मेडिकल कमिशन के डॅाक्टर शामिल होंगे, साथ ही राज्यों के रजिस्टरों से लाइसेंस प्राप्त डॅाक्टर भी शामिल रहेंगे। जिसमें डॅाक्टर के बारे में सभी जानकारी रहेगी। जैसे- उनकी डिग्री, विश्वविद्यालय, विशेषज्ञता से संबंधित डेटा के साथ ही अन्य जानकारी होगी। ऐसा कहा जा रहा है कि हर पांच साल पर डॅाक्टरों को अपने लाइसेंस को रिन्यू करना पड़ेगा।
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