India News (इंडिया न्यूज़), Renukaji Dam Project, Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में गिरि नदी पर बनने वाली राष्ट्रीय महत्व की रेणुकाजी बांध परियोजना का निर्माण इस वर्ष शुरू हो जाएगा। केंद्रीय जल आयोग ने केंद्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधान केंद्र और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) से दो माह के भीतर भूमि से संबंधित रिपोर्ट मांगी है। नदी का बहाव मोड़ने के लिए डेढ़-डेढ़ किलोमीटर की सुरंगों का निर्माण करने से पहले आयोग ने भूमि की ताकत जांचने का फैसला लिया है। इन दोनों संस्थानों की रिपोर्ट मिलने के बाद परियोजना के डिजाइन को फाइनल कर दिया जाएगा।
परियोजना से हिमाचल प्रदेश को 40 मेगावाट बिजली मिलेगी, जबकि दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और राजस्थान को पानी मिलेगा। बीते दिनों नई दिल्ली में परियोजना को लेकर हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। प्रदेश की ओर से ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट मांगा। लाडा फंड को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में शामिल करने की मांग भी उठाई। हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली की ओर से इस राशि को दिया जाना है। परियोजना को लेकर अभी तक हो चुके खर्च को भी हिमाचल सरकार ने जल्द देने की मांग बैठक में रखी।
बैठक में फैसला हुआ कि केंद्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधान केंद्र और जीएसआई से रिपोर्ट मिलते ही निर्माण शुरू हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) को परियोजना के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। इस वर्ष दिसंबर में परियोजना का शिलान्यास किए दो साल हो जाएंगे, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। इसी साल डायवर्सन सुरंगों का निर्माण शुरू किया जाएगा। परियोजना परिव्यय का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी। शेष 10 फीसदी खर्चा संबंधित राज्य वहन करेंगे। इनमें दिल्ली की हिस्सेदारी 47.82 फीसदी, हरियाणा की 33.65, उत्तराखंड की 3.15, हिमाचल प्रदेश की 9.34 और राजस्थान की 6.04 फीसदी रहेगी। रेणुका बांध परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 6,946.99 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंजूर किया है।
148 मीटर ऊंचा रेणुका बांध जो कि गिरी नदी पर बनने वाला है वो 24 किमी लंबी झील के वजूद में आने की वजह से 48 घंटे तक बाढ़ को रोकने में मदद कर सकता है। इससे दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है। बीते दिनों भारी बारिश के चलते दिल्ली तथा बाकि पड़ोसी राज्यों में भी बाढ़ एवं जलभराव की स्थिति बनी हुई है।