इंडिया न्यूज, धर्मशाला :
AWSAR-2021 Competition : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कम्प्यूटेशनल बायोलाजी एंड बायो इनफारमैटिक्स, स्कूल आफ लाइफ साइंसेज की शोधार्थी नेहा चौधरी को राष्ट्रीय स्तर की AWSAR-2021 प्रतियोगिता के तहत उनकी लोकप्रिय शोध कहानी के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार (DST) द्वारा सम्मानित किया गया है।
कहानी को पीएचडी श्रेणी के तहत टाप-100 प्रविष्टियों में स्थान मिला है जिसके लिए शोधार्थी को 10,000 रुपए का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्राप्त होगा।
बताया जाता है कि डीएसटी भारत सरकार आसान और दिलचस्प प्रारूप में जनता के बीच साइंटिफिक रिसर्च को शोध कहानियों के रूप में प्रसारित करने के लिए AWSAR (Writing Skills for Articulating Research) नामक एक प्रतियोगिता आयोजित करता है।
इस योजना के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग पीएचडी स्कालर्स और पोस्ट-डाक्टोरल फेलो को उनकी फेलोशिप के दौरान कम से कम एक लोकप्रिय विज्ञान लेख लिखकर इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है और सर्वश्रेष्ठ कहानियों का पुरस्कार व प्रमाण पत्र देती है।
नेहा चौधरी ने सीयूएचपी से कम्प्यूटेशनल बायोलाजी और बायो इनफारमैटिक्स में स्नातकोतर किया है और डा. विक्रम सिंह, सहायक आचार्य के विशेषज्ञ पर्यवेक्षण के तहत आयुरिन फारमैटिक्स के क्षेत्र में पीएचडी की थीसिस जमा की हैं।
डा. विक्रम सिंह एवं उनकी शोधार्थी ने 3,048 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के 34,472 फाइटोकेमिकल्स के डेटासेट को स्वयं संकलित किया है और विभिन्न मानव रोगों और विकारों के प्रबंधन में उनकी नियामक भूमिका की खोज करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
शोधकार्य आधुनिक कम्प्यूटेशनल दृष्टिकोण का उपयोग करके आयुर्वेद के अनुभव जन्य ज्ञान को वैज्ञानिक समझ देने की दिशा में एक प्रयास है।
नेहा की लोकप्रिय शोध कहानी (Network map of Ayurveda : a modern topping to traditional dish) एक वर्णन है जो आयुर्वेद को systems & biology की अवधारणाओं के रूप में समझाता है और व्यक्तिगत चिकित्सा के प्रति इसकी भविष्य की प्रासंगिकता को बताता है।
शोध कहानी उच्च प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध लेखों द्वारा समर्थित है। इस संबंध में शोधार्थी नेहा चौधरी ने विवि के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल को पारंपरिक औषधीय प्रणालियों पर शोध को बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद दिया है।
उन्होंने कहा कि जीव विज्ञान स्कूल के डीन प्रो. प्रदीप कुमार, पशु विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रो. सुनील ठाकुर, डा. महेश कुल्हारिआ, जीव विज्ञान के प्राध्यापकों के सतत मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए कम्प्यूटेशनल सुविधाओं से ही यह शोध संभव हो पाया।
विवि के कुलपति ने शोधार्थी नेहा चौधरी को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने संकाय सदस्यों को भी बधाई दी है। AWSAR-2021 Competition