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राष्ट्रपति चुनाव के लिए सीलबंद चुनाव सामग्री शिमला पहुंची

• LAST UPDATED : July 12, 2022

राष्ट्रपति चुनाव के लिए सीलबंद चुनाव सामग्री शिमला पहुंची

इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)

भारत निर्वाचन आयोग ने 18 जुलाई, 2022 को होने वाले भारत के राष्ट्रपति चुनाव (Presidential election) के संचालन के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी सहित अन्य राज्य विधानसभा सचिवालयों को नामित मतपेटियां, मतपत्र, विशेष पेन और अन्य सीलबंद चुनाव सामग्री (Sealed election material) का वितरण और प्रेषण मंगलवार को शुरू कर दिया।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने मंगलवार को यहां बताया कि शिमला में यह सामग्री (reached Shimla) आज भारत चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं सचिव हिमाचल प्रदेश विधानसभा यशपाल शर्मा की देखरेख में प्राप्त की गई।

उन्होंने बताया कि भारत चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार यह सामग्री कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली से पहुंचाई गई और यहां विधानसभा परिसर में बनाए गए स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी गई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनावों के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश डोगरा और विधानसभा के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

चुनाव सामग्री भेजने का अभ्यास किया

गर्ग ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की देखरेख में समयबद्ध और सुरक्षित ढंग से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को चुनाव सामग्री भेजने के लिए निर्वाचन सदन नई दिल्ली में 2 दिवसीय अभ्यास किया गया।

आयोग द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग मुख्यालय से सामग्री एकत्रित करना अनिवार्य किया गया है।

अधिकारियों को दिल्ली हवाई अड्डे पर हेल्प डेस्क पर भारत निर्वाचन आयोग, नागरिक उड्डयन, दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता है।

निर्वाचन सदन नई दिल्ली में पूर्ण निरीक्षण के उपरांत उचित सुरक्षा और अन्य सुरक्षा उपायों के तहत आवश्यक चुनाव सामग्री के साथ मतपेटियां एआरओ को सौंप दी जाती हैं।

चुनाव सामग्री लेने के लिए दिल्ली पुलिस की टीमें एआरओ को सुरक्षा प्रदान करती हैं और एआरओ चुनाव सामग्री का संग्रह करने के दिन ही वापस लौट आते हैं।

प्रक्रियाओं का कड़ाई से अनुपालन जरूरी

राज्यों के एआरओ से बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव आयोग की टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का कड़ाई से अनुपालन ही त्रुटिमुक्त चुनाव करवाने में सहायक होता है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को अच्छी तरह से परिभाषित निर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पूर्ण किया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सतर्क रहें और मतपत्रों सहित चुनाव सामग्री के परिवहन और भंडारण के लिए प्रोटोकाल और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।

बैलेट बाक्स राज्यों की राजधानियों में पहुंचने के उपरांत इन्हें सख्त वीडियोग्राफी मानिटरिंग के तहत पहले से सेनेटाइज और अच्छी तरह सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपत्रों को भी सुरक्षित रखा जाता है और साथ में सील भी किया जाता है।

मतदान के उपरांत मतदान और सीलबंद पेटियों व अन्य चुनाव सामग्री को अगली उपलब्ध उड़ान से रिटर्निंग अधिकारियों को कार्यालय में वापस भेज दिया जाना चाहिए, जोकि राज्यसभा सचिवालय बक्सों और अन्य दस्तावेजों को विमान के कैबिनों में व्यक्तिगत रूप से साथ ले जाने वाले अधिकारियों की दृष्टि से बाहर नहीं ले जाया जा सकता।

मतदान के संचालन के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी

आयोग ने मतदान के संचालन के लिए पहले ही विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। एआरओ तथा पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।

राष्ट्रपति चुनाव संचालन के लिए निर्वाचन प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर उन्हें जानकारी देने के लिए विज्ञान भवन में 13 जून, 2022 को आरओ, एआरओ और सीईओ की एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी।

आयोग ने चुनाव के दौरान मतदान और मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए 37 पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया है और इन पर्यवेक्षकों की ब्रीफिंग बैठक भी 11 जुलाई, 2022 को आयोजित की गई थी।

पर्यवेक्षक भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। आयोग ने राज्य व संघ राज्य क्षेत्र विधानसभाओं में मतदान के 30 स्थानों में से प्रत्येक पर मतदान की निगरानी के लिए 1 पर्यवेक्षक और संसद भवन के लिए 2 पर्यवेक्षकों को तैनात किया है।

नामित पर्यवेक्षक आरओ और एआरओ द्वारा मतपेटियों और चुनाव सामग्री की सुरक्षा और परिवहन के लिए चुनाव व्यवस्था का जायजा लेंगे और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। संसद भवन में प्रतिनियुक्त पर्यवेक्षक 21 जुलाई, 2022 को मतगणना की प्रक्रिया की भी निगरानी करेंगे।

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