इंडिया न्यूज, Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति ज़िले में स्थित केलंग नगर में सूचना प्रौद्योगिकी एवं जन जातीय विकास मंत्री डा0 राम लाल मारकंडा ने अपने लाहौल प्रवास के दूसरे दिन आज शनिवार को तोद घाटी के तिनो, गैमूर एवं जिस्पा आदि गांवों का दौरा किया तथा लोगों की जन समस्याओं को सुना। उन्होनें अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिये।
उत्सव में छम नृृत्य की शुरूआत 9वीं शताब्दी में तिब्बत से हुई
डा0 मारकंडा अपने प्रवास के दौरान केलंग से करीब छह किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध शाशुुर गोम्पा पहुंचे। करीब दो वर्षो के बाद गाहर घाटी का ऐतिहासिक एवं धार्मिक उत्सव छेशू मेला का आयोजन शाशुुर गोम्पा में आयोजित किया गया। बोद्ध सम्प्रदाय के लिये छेशू मेला विशेष महत्व रखता है। शाशुुर गोम्पा के भण्डारी लामा उपासक ने बताया कि इस मेला का मुख्य आकर्षण छम नृृत्य होता है। इस उत्सव में छम नृृत्य की शुरूआत 9वीं शताब्दी में तिब्बत से हुई थी। छम नृृत्य में कलाकार रंग विरंगी पोशाक एवं विभिन्न जानवरों एवं पक्षियों के मुखोटे पहन कर नृृत्य करते हैं। छम नृृत्य को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
मेलों के आयोजन से हम अपनी प्रचीन संस्कृृति को बचाए रख सकते हैं – डा0 मारकंडा
डा0 मारकंडा ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के मेलों के आयोजन से हम अपनी प्रचीन संस्कृृति को बचाए रख सकते हैं तथा इस प्रकार की गतिविधियों के आयोजन से सांस्कृृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकते है। डा0 मारकंडा ने छेशू मेला के सफल आयोजन के लिये आयोजन समिति को बधाई दी। इस अवसर पर सहायक आयुक्त रोहित ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी प्रिया नागटा, खण्ड विकास अधिकारी विवेक गुलेरिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।