India News (इंडिया न्यूज़), Shimla News, Himachal: हिमाचल प्रदेश के शिमला में बरसात थमने के बावजूद भूस्खलन होने से कई भवनों पर खतरा मंडरा गया है। नगर निगम के अनुसार शहर में 20 से ज्यादा भवन ऐसे हैं जिनकी नींव भूस्खलन के चलते खाली हो गई है। नगर निगम ने अब तक 15 भवनों को खाली करवा दिया है। साथ ही पुलिस विभाग को भी पत्राचार कर इनमें लोगों को आने वाले निर्देशों तक प्रवेश न देने को कहा।
नगर निगम के अनुसार बालूगंज, कोमली बैंक, आईजीएमसी में भूस्खलन के कारण भवनों को खतरा हो गया है। हिमलैंड के पास भी बहुमंजिला भवन को खाली करवाया गया है। उधर रुल्दूभट्ठा और ईदगाह के पास भी भूस्खलन से मकानों को खतरा है। पार्षद सरोज ठाकुर के अनुसार कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा के अनुसार शिवमंदिर के पास भी भूस्खलन के कारण कुछ भवनों केा खतरा है। यहां तिरपाल लगा दिए हैं। हालांकि, इन्हें खाली नहीं करवाया है। शहरी विकास विभाग के दफ्तर पर भी खतरनाक पेड़ मंडरा रहे हैं। इनका निरीक्षण भी करवा दिया है। वहीं समरहिल के प्रभावित क्षेत्र में भी करीब आधा दर्जन भवनों में भी दरारें आई हैं।
पार्षद विरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने के कारण सारा पानी निचले तरफ बसी बस्ती की तरफ आता है। वहीं शहरी विधायक हरीश जनारथा और उप महापौर उमा कौशल ने टुटीकंडी के बंगाली बगीचा जा दौरा किया। यहां भूस्खलन से एक मकान को नुकसान हुआ है।
भट्ठाकुफर में पेड़ ढहने से दो गाड़ियां दब गईं। पार्षद नरेंद्र ठाकुर के अनुसार वार्ड में बारिश से भारी नुकसान हो गया है। कैथू में शिवमंदिर के पास भी भूस्खलन से सड़क बंद हो गई। फागली में बायपास सड़क पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई है।
उधर, फागली में बेघर हुए लोगों को संस्कृत कॉलेज में जगह दी गई है। पार्षद सिमी नंदा के अनुसार प्रभावितों को कॉलेज और नाभा क्लब भवन में ठहराया गया है। विकासनगर के सी-15 ब्लॉक के पास भी लैंडस्लाइड से काफि नुकसान हुआ है।
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