India News (इंडिया न्यूज़), Solan News, Himachal; संवाददाता अनुराग शर्मा: स्थानीय लोगों में कहा कि इस तरह कि त्रासदी न तो उन लोगों में देखीं थी और न ही उनके बुजुर्गों ने ही देखी थी। इसलिए सभी को बड़ी मदद की आवश्यकता है। लोगों ने माँग की कि केंद्र सरकार द्वारा जो छह हज़ार घर हिमाचल के आपदा प्रभावितों को मिले हैं, वह घर दून विधान सभा क्षेत्र के प्रभावितों को भी मिले। जिससे अपना अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों को राहत मिल सके। इस मौक़े पर उनके साथ दून विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक परमजीत सिंह पम्मी, पूर्व विधायक श्रीमती विनोद चंदेल और स्थानीय प्रधान व अन्य लोग मौजूद थे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं पिछले डेढ़ महीनें से पूरे प्रदेश में जाकर निरीक्षण कर रहा हूँ। कोई ऐसी जगह नहीं है जहां पर बहुत ज़्यादा नुक़सान नहीं हुआ हो। इस आपदा की वजह से हमारे प्रदेश के बहुत से लोगों की दुःखद मृत्यु हो गई। फ़सल से लेकर खेत और बाग तक बह गये। दून में दो गांव पूरी तरह से तबाह हो गये, राहत की बात यह है कि यहां कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जान बच गई है तो बाक़ी चीजें भी सही हो जाएगी। इसलिए हिम्मत से काम लेने की आवश्यकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है। आपदा प्रभावितों के लिए 6000 घर बनाने की मंज़ूरी दी है। मैं प्रदेश सरकार से यह माँग करूंगा कि जल्दी से जल्दी सारी प्रक्रिया पूरी करे जिससे लोग फिर से अपना आशियाना खड़ा कर सकें। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में है लेकिन हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ। इस आपदा से निपटने के लिए जितना आप लड़ेंगे उतना हम भी आपके लिए लड़ेंगे। इस आपदा में हिम्मत से काम लेना है। मैं सरकार से माँग करूंगा कि लोगों को सिर्फ़ घर ही नहीं ज़मीन भी मिले। जिससे आशियाने के साथ लोगों के रोज़गार का संकट भी दूर हो सके।
नेता प्रतिपक्ष ने लोगो से निवेदन करते हुए कहा कि जान से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए सुरक्षित स्थानों पर रहें और जो घर असुरक्षित हो गये हैं, उनमें न जाएं। यह आपदा का दौर बीत जाएगा। इस दौरान उन्होंने समाज के लोगों से भी आगे आने की अपील करते हुए कहा कि यह आपदा का दौर है। हम एक दूसरे के लिए हाथ बढ़ाएंगे तो यह वक़्त आसानी से कट जाएगा।
दून के पूर्व विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में लोग विभिन्न प्रकार के काम और खेती करके अपना गुज़ारा कर रहे थे लेकिन इस आपदा में सब कुछ बह गया। उन्होंने कहा कि सरकार तीन बिसवा ज़मीन देने की बात कर रही है। तीन बिसवा से उनका कुछ नहीं होने वाला। लोगों की जितनी ज़मीन गई है, सरकार लोगों को इतनी ज़मीन दे। जिससे वह अपना आशियाना बना सकें और अपनी खेती-बारी का काम काफ़ी सकें। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से आग्रह किया कि वह विधान सभा में इस मुद्दे को ज़ोर शोर से उठाएं। नेता प्रतिपक्ष ने उनकी मांग को सरकार के समक्ष रखेंगे।
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