India News (इंडिया न्यूज़) Supreme Court: मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने के मामले में हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि याचिका पर शुक्रवार को कोर्ट नंबर-तीन में सुनवाई होगी। इस मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में 4 नवंबर को सुनवाई होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उप मुख्यमंत्री CPS की नियुक्तियों के मामले में राज्य सरकार के आवेदन को खारिज किया था। सरकार ने याचिकाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न लगाया था। बता दें कि न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बीसी नेगी ने सुनाया। अदालत ने कहा कि उप मुख्यमंत्री समेत सीपीएस की नियुक्तियों के मामले में कोई दोष नहीं है। अगर कोई दोष था तो उसे शपथपत्र दायर करके दूर किया गया है। साथ ही सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाएं अवैध नहीं हैं, जिसे खारिज किया जा सके।
बता दें कि अर्की विधानसभा क्षेत्र से CPS संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में भी ऐसी नियुक्तियां की गई थीं। जिन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दिया गया था। हाईकोर्ट ने नियुक्तियों को असांविधानिक बताया था। असम और मणिपुर में भी मामले को लेकर पहले भी फैसला सुनाया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है।
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