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Supreme Court: क्या महिलाओं की तरह पुरुषों के लिए भी होगा आयोग का गठन?

• LAST UPDATED : March 15, 2023

इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Supreme Court): देश में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए एक आयोग है, जिसे महिला आयोग के नाम से जाना जाता है। घरेलू हिंसा के चलते कई शादीशुदा पुरुष आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। ऐसे पुरुषों को दिशानिर्देश देने और राष्ट्रीय पुरुष आयोग का गठन करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी की तरफ से दायर की गई है। याचिका में देश में आकस्मिक मौतों के संबंध में 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॅार्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला दिया गया है जिसमें बताया है कि उस वर्ष देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हुए।

महिलाओं की तर्ज पर पुरुष आयोग बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी की तरफ से दायर की गई है याचिका
याचिका में राष्ट्रीय अपराध रिकॅार्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का दिया गया है हवाला
साल 2021 में देशभर में 1,64,033 लोगों ने की आत्महत्या

याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ो का दिया गया है हवाला

दायर की गई याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ो का हवाला देते हुए बताया गया है कि साल 2021 में देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें से 81,063 लोग शादीशुदा थे, जिन्होंने आत्महत्या जैसे कदम उठाए, जबकि 28,689 विवाहित महिलाओं ने आत्महत्या की। आंकड़ों में बताया गया है कि साल 2021 में करीब 33.2 फीसदी पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण जबकि 4.8 फीसदी पुरुषों ने विवाद संबंधी समस्याओं की वजह से अपना जीवन समाप्त कर लिया। इस वर्ष कुल 1,18,979 पुरुषों और 45,026 महिलाओं ने आत्महत्याएं की हैं।

याचिका में पुरुषों की शिकायतों को मानवाधिकार को स्वीकार करने की अपील

याचिका में अनुरोध किया गया है कि शादीशुदा पुरुषों द्वारा आत्महत्या की समस्याओं से निपटने और खरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों को स्वीकार करने के लिए मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया जाए। याचिका में केंद्र को गृहमंत्रालय के जरिए पुलिस विभाग को निर्देश का अनुरोध किया गया है ताकि पुरुषों की घरेलू हिंसा से संबंधित शिकायतों को तत्काल स्वीकार किया जाए और उसका जल्द निस्तारण किया जाए।

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