India news (इंडिया न्यूज़), Temple in Himachal, कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी मंदिर हैं जिसके कई सारे रहस्य हैं। एक ऐसा ही मंदिर हिमाचल कांगड़ा जिले में स्थित बाथू की लड़ी मंदिर है। ये मंदिर भारत के प्राचीनतम मंदिर में से एक है। इस अद्भुत चमत्कारी मंदिर देखने में भी खूबसूरत है। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 5000 वर्ष पुराना है। ये पौंग बांध (महाराणा प्रताप सागर) में स्थित है। यह पौंग बांध का निर्माण होने पर यह मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गई। यह मंदिर चार महीने तक ही दिखता है बाकी के महीनों में पानी में डूबा रहता है। यह मंदिर बहुत ही रहस्यमयी है।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था। पांडवों ने ही इसके निर्माण की शिला रखी थी। इसी मंदिर से पांडवों ने स्वर्ग तक पहुँचने के लिए सीढ़ी बनाने का प्रयास किया था। लेकिन उनके पास पर्याप्त व उचित समय का आभाव था। इसके लिए पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण से सहायता मांगी थी, इस मंदिर का निर्माण रात में ही किया जाना था इसीलिए छह महीने तक सुबह नहीं हुई। छह महीने की रात होने के बावजूद पांडव स्वर्ग तक सीढ़ियां बनाने में कामयाब नहीं हुए। कहा जाता है कि सिर्फ अढ़ाई सीढ़ी ही बनाई जा सकी। ये सीढ़ियां आज भी मौजूद हैं।
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब सूर्यास्त होने लगता है तो सूर्य की किरणें इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्पर्श करती हैं। मंदिर में शिवलिंग ही मुख्य मंदिर है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं। मंदिर के चारों ओर पानी होने की वजह से मंदिर का समूह बहुत ही अद्भुत व सुन्दर दिखाई देता है।
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