होम / Temple in Himachal: हिमाचल के इस मंदिर में पत्थरों को छूते ही सुनाई देने लगती है डमरू की आवाज

Temple in Himachal: हिमाचल के इस मंदिर में पत्थरों को छूते ही सुनाई देने लगती है डमरू की आवाज

• LAST UPDATED : May 9, 2023

India news (इंडिया न्यूज़), Temple in Himachal, सोलन: देश शिव की पूजा करने वाले बहुत से भक्त हैं। देश में कई ऐसे चमत्कारिक धाम हैं जहां पर भगवान की पूजा की जाती है। लोग ऐसे ही चमत्कारी जगहों पर जाना पसंद करते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक चमत्कारी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित जटोली शिव मंदिर एक ऐसा ही चमत्कारी मंदिर है। हिमाचल में स्थित भगवान का यह मंदिर एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर माना जाता है। इस धाम की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर मंदिर के पत्थरों को छूने व थपथपाने से डमरू की आवाज सुनाई देती है।

शिव की मौजूदगी को दर्शाता है ये रहस्य

मंदिर में पत्थर को  थपथपाने से सुनाई देने वाली डमरू की आवाज को भक्त चमत्कारी मानते हैं। भक्तों का कहना है कि ये मंदिर में भगवान शिव की मौजूदगी को दर्शाता है। भोलेनाथ के दरबार में आने के बाद कोई खाली हाथ नहीं जाता है। भक्त जो भी मनोकामना करते हैं वह पूरी होती है। शिव का ये मंदिर देव भूमि के नाम से मशहूर है। मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट है। ये दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना है। मंदिर की खूबसूरती और कलात्मकता को देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

इस मंदिर में आए थे भगवान शिव

ऐसा कहा जाता है कि पैराणिक काल में भगवान शिव इस मंदिर में आएं थे और कुछ समय तक यहां पर निवास भी किया था। उसके बाद 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा इस जगह पर आए और जटोली शिव मंदिर का निर्माण करने का निर्णय लिया। उन्होंने साल 1974 में इस मंदिर के निर्माण के लिए नींव रखी थी। हालांकि, साल 1983 में उनके समाधि लेने के बाद मंदिर का निर्माण कार्य रुक गया था। मंदिर कमेटी ने उनके मंदिर के निर्माण करने के सपने को पूरा किया। यहां देश-विदेश भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाओं के पूरा होने की मन्नत मांगते हैं।

इसे भी पढ़े- Himachal wheather: लगातार बदल रहा है मौसम का मिजाज, लाहौल-स्पीति…

SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox