इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh): हिमाचल प्रदेश में विधवाओं और दिव्यांगजनों को पेंशन दिए जाने के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई थी, जिसे सीएम सुक्खू ने समाप्त करने का फैसला किया है। सीएम के इस फैसले से प्रदेश के करीब 9,000 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। इसके प्रदेश सरकार ने बजट में 12 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है। सीएम ने आगामी वर्ष में 40 हजार लोगों को सामाजिक पेंशन देने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार ने सुरक्षा, महिल, बाल, और अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए बजट में 2,233 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
सीएम ने प्रदेश की 7,000 विधवाओं और एकल नारियों को घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए की सहायता देगी। इसके तहत बनने वाले घरों में बिजली, पानी, सहित तमाम सुविधाएं प्रदान करने की बात कही गई है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 27 वर्ष तक की आयु के बच्चे अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट कहलाएंगे। इसके लिए सीएम ने सुख आश्रय योजना को शुरू किया है। इस योजना के लिए 101 करोड़ की राशि से मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष की स्थापना भी की गई है। सीएम ने कहा कि बच्चों और बेसहरा महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बनाए गए आश्रय गृहों में अत्याधुनिक सुविधाओं उपलब्ध की जाएंगी।
प्रदेश में सुंदरनगर और ज्वालामुखी में वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, विशेष रूप से असक्षम बच्चों और बेसहरा महिलाओं को आश्रय देने के लिए एकीकृत आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसर का निर्माण किया जाएगा। यह परिसर आधुनिक सुविधाओं से व्यवस्थित होगा और इसकी क्षमता 400 लोगों की होगी। अनाथ बच्चों के लिए बनाए जा रहे सरकारी गृहों सुविधाओं का प्रावधान किया जाएगा। वर्ष में एक बार अनाथ बच्चों को राज्य के बाहर शैक्षणिक दौरों पर भी ले जाया जाएगा। इन अनाथ बच्चों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए हवाई यात्रा तथा उन्हें थ्री स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
इसे भी पढ़े- Himachal budget: हिमाचल में सीएम सुक्खू ने बजट में 10 में से 4 गारंटी पर लगाई मुहर