Natural Gas: गैस के बढ़ रहे दामों के बीच केंदीय कैबिनेट देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों की सीमा तय कर सकता है। इसका उद्देश्य सीएनजी और उर्वरक कंपनियों के लिए इनपुट कॅास्ट को नियंत्रण करना है। सरकार की तरफ से प्राकृतिक गैस के दाम तय किए जाते हैं। यह दाम साल में दो बार तय किए जाते हैं। बाद में इसे सीएजी और घरों एवं उर्वरक कंपनियों में उपयोग होने वाले पीएनजी और एलएनजी में परिवर्तित कर दिया जाता है। सीएनजी का उपयोग गाड़ियों में किया जाता है।
सरकार तय कर सकती है गैस की कीमत
साल में दो बार तय किए जाते हैं प्राकृतिक गैस के दाम
बढ़ सकते हैं गैस के दाम
केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस के दामों को बढ़ा या सकती है। प्राकृतिक गैस के दामों को तय करने के लिए दो फॅार्मूले का प्रयोग किया जाता है। पुराने गैस फील्ड जहां से गैस निकालता आसान होता है, इससे निकलने वाली गैस के दाम भी अलग से तय किए जाते हैं। वहीं, नए गैस फील्ड जहां से गैस निकालना कठिन होता है वहां के दाम अलग से तय किए जाते हैं। इस समय पुराने गैस फील्ड वाली गैस के दाम 8.57 डॉलर प्रति mmBtu है, जबकि नए गैस फील्ड से निकलने वाली गैस के दाम 12.46 डॉलर प्रति mmBtu है।
समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार एक अप्रैल से उत्पादित प्राकृतिक गैस का दाम तय किया जाना है ऐसे में सरकार दोबारा से गैस के दाम तय करेगी। जिसके बाद पुराने गैस फील्ड्स से निकलने वाली गैस के दाम 10.7 डॉलर प्रति mmBtu तक पहुंच सकते हैं। जबकि नए गैस फील्ड में मामूली वृद्धि हो सकती है। अगर एक अप्रैल से गैस की कीमतों में बदलाव होगा तो एक बार फिर से गैस के दाम बढ़ सकते हैं।