Tourist places in himachal: हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थलों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। हिमाचल में लाहौल-स्पीति जिला पर्यटन और ट्रैकिंग के बहुत खास है। यह भारत तिब्बत सीमा पर स्थित है। पूर्व में इसे पूर्व में इसे लाहौल और स्पीति अलग-अलग नामों से जाना जाता था लेकिन 1960 में इसे एक साथ जोड़कर जाना जाने लगा। इस जिले का प्रशासनिक केंद्र लाहौल के कीलॉन्ग में स्थित है। रूदयार्ड किपलिंग ने अपनी किताब किम में स्पीति को संसार के अंदर एक दुनिया और देवताओं का वास स्थान बताया है।
धनकर झील धनकर गांव से 45 किमी की दूरी पर स्थित है। इसकी समुद्रतट से ऊंवाई 4136 मीटर है। धनकर झील एकदम हराभरा है यहां के वातावरण में आपको कई रंग एकसाथ देखने को मिल जाएंगें। हालांकि, गर्मी के मौसम में इस झील का पानी भाप बनकर उड़ जाता है और उस समय यहां सिर्फ जानवर ही चरने के लिए आते हैं। लेकिन हरा भरा वातावरण होने की वजह से धनकर झील लोगों को आकर्षित करती है।
ये झील अर्धचंद्राकार है, इसीलिए इसे चंद्रताल झील के नाम से जाना जाता है। देशभर में चंद्रताल झील ट्रैकिंग के लिए भी बहुत मशहूर है और लाहौल-स्पीति आने वाले पर्यटक इस स्थान पर जरूर आते हैं। कुंजुम पास से आप पैदल ही आ सकते हैं जबकि बटल से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है। चंद्रा नदी की ओर मुख किए हुए समुद्र टापू पठार पर चंद्रताल स्थित है। चंद्रताल की समुद्रतट से ऊंचाई 4300 मीटर है। चंद्रताल झील के पास आप कैंप लगाकर रूक सकते हैं।
काई मठ को गोंपा के नाम से भी जाना जाता है। इस मठ को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। लाहौल-स्पीति में स्थित ये सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। समुद्रतट से इस मठ की ऊंचाई 4166 मीटर है। ये मठ 200 भिक्षुओं और मठवासिनी के प्रशिक्षण केंद्र के निकट पर स्थित है। मठ में कई कमरे आज भी बंद हैं। ऐसे ही एक कक्ष कुटुंघ में दलाई लामा रूकते हैं। उनकी अनुपस्थिति में ये कक्ष बंद रहता है। काई मठ शांति और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है।
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